भारतीय जनता पार्टी (BJP) की उत्तर प्रदेश इकाई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने शनिवार को कहा कि वह फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के विवादास्पद बयान से सहमत नहीं हैं. वाजपेयी ने कहा कि कंगना के जिस बयान पर चर्चा हो रही है वह उससे बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं तो बस इतना ही कहना चाहूंगा कि हजारों बलिदानों के बाद 1947 में देश को मिली आजादी पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करना ठीक नहीं है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि 2014 में नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में व्यापक सुधार हुए हैं और जनहित के काम हुए हैं लेकिन इससे स्वतंत्रता संग्राम में लोगों के बलिदान को नहीं भुलाया जा सकता है.''
गौरतलब है कि एक टीवी चैनल में चर्चा के दौरान अभिनेत्री कंगना रनौत ने कथित तौर पर कहा था, ‘‘वह आजादी नहीं थी, वह भीख थी और जो आजादी मिली है, वह 2014 में मिली है.''
इस बीच शनिवार को मेरठ के अधिवक्ता रामकुमार शर्मा ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराने के लिए सिविल लाइन थाने में तहरीर दी है. उनका कहना है कि कंगना रनौत ने जो बयान दिया है, उससे स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान हुआ है.
सिविल लाइन थाने के इंस्पेक्टर रमेश चंद्र शर्मा का कहना है कि शिकायत दर्ज की गई है. लेकिन, क्योंकि हमारे थाना क्षेत्र का मामला नहीं है इसलिए इस तहरीर पर यहां से कोई कार्रवाई कर पाना संभव नही है.
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