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This Article is From Feb 17, 2015

कांग्रेस का बड़ा आरोप, व्यापम घोटाले में शिवराज की जगह उमा भारती का नाम डाला गया

शिवराज सिंह चौहान का फाइल फोटो

नई दिल्ली:

लोकसभा और विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में मिली करारी हार से परेशान कांग्रेस एक बार फिर सरकार पर हमले के जरिये अपना वजूद तलाशने की कोशिश कर रही है।

सोमवार को मध्य प्रदेश में कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं ने एक साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को व्यापम घोटाले में घेरने की कोशिश की। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि व्यापम घोटाले में खुद शिवराज भी शामिल थे, लेकिन उनका नाम हटाकर उमा भारती का नाम जोड़ा गया है। साथ ही मामले की जांच कर रही एसटीएफ पर भी कांग्रेस ने सवाल उठाए। वहीं शिवराज का कहना है कि कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद हैं। कांग्रेस बार-बार भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है।

दिग्विजय सिंह ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि कुछ दिन पहले यह कहा गया था कि राज्यपाल का बेटा सीरियल नंबर 106-115 तक की नियुक्ति में शामिल है। वहीं, दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि कुछ सीरियल नंबरों के सामने सीएम लिखा हुआ था।

वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा कि व्यापम के कागजों में सीएम के कार्यालय का नाम बदलकर गवर्नर हाउस लिख दिया गया है। साथ ही सीएम के नाम की जगह उमा भारती का नाम लिख दिया गया।

साथ ही कांग्रेस ने नेता कमलनाथ ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में मुख्यमंत्री और उनके परिवार को बचाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग के एक कंप्यूटर की हार्ड डिस्क को भी बदल दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह लोगों के साथ अन्याय है और इसके सीएम और उनके मंत्री जिम्मेदार हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि एसटीएफ सीएम के इशारे पर काम कर रही है।

संवाददाता सम्मेलन में मौजूद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि राज्य के लोगों के साथ धोखा हुआ है और राज्य सरकार ने कागजों के साथ छेड़छाड़ की है। उन्होंने कहा कि दोषी लोग आजाद घूम रहे हैं और निर्दोष छात्र सलाखों के पीछे हैं।

वहीं कांग्रेसी नेता सुरेश पचौरी ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

इससे पहले, मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापम) द्वारा आयोजित परीक्षाओं में हुए घोटाले की जांच के लिए बनाई गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) को कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने सोमवार को अहम दस्तावेज सौंपे हैं। इन दस्तावेजों में क्या है, सिंह ने इस बात का खुलासा नहीं किया है।

राज्य में व्यापम द्वारा आयोजित पीएमटी, परिवहन आरक्षक, शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में व्यापक पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ है। जबलपुर उच्च न्यायालय के निर्देश पर एसआईटी के अधीनस्थ विशेष कार्यदल (एसटीएफ) जांच कर रहा है। इस मामले में अब तक कई लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें प्रशानिक अधिकारी से लेकर पूर्व मंत्री व विभिन्न दलों के राजनेता भी शामिल हैं।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इस फर्जीवाड़े की उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की थी, मगर न्यायालय ने इसे अमान्य कर दिया था।

कांग्रेस का सीएम शिवराज सिंह चौहान पर आरोप

मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं और मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेजों के दाखिलों से जुड़े व्यापम घोटाले को लेकर कांग्रेस ने सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साध दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शिवराज सिंह चौहान का नाम हटाकर उमा भारती का नाम लिखा गया है।

क्या है व्यापम घोटाला?

  • व्यापम का पूरा नाम मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल है और यह सरकारी कॉलेजों और नौकरियों में भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करता है
  • सरकारी नौकरी में 1,000 फ़र्ज़ी भर्तियों का मामला
  • मेडिकल कॉलेज में 514 फर्जी भर्तियों का आरोप
  • हाईकोर्ट के निर्देश पर जांच के लिए एसटीएफ का गठन
  • 15 जून 2014 को पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी
  • 100 से ज़्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया


इस मामले में ये हैं अब तक की बड़ी गिरफ्तारियां

  • लक्ष्मीकांत शर्मा, पूर्व शिक्षा मंत्री
  • डॉ विनोद भंडारी, मुख्य आरोपी
  • ओपी शुक्ला, लक्ष्मीकांत शर्मा के ओएसडी
  • पंकज त्रिवेदी, परीक्षा नियंत्रक, व्यापम
  • सुधीर शर्मा, खनन माफ़िया
  • सीके मिश्रा, अधिकारी, व्यापम

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