भाजपा ने दावा किया है कि दिल्ली सरकार आम आदमी पार्टी के गिरफ्तार नेता के समर्थन में सरकारी स्कूलों में ‘आई लव मनीष सिसोदिया' डेस्क स्थापित करने जा रही है. हालांकि, ‘आप' ने इस आरोप का खंडन किया है.
सिसोदिया ने 2021-22 आबकारी नीति में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद हाल में मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. सिसोदिया के पास शिक्षा सहित दिल्ली सरकार के 18 विभागों का प्रभार था.
भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा कि यह खेदजनक है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद भी दिल्ली सरकार ‘‘शिक्षा के नाम पर अपनी गंदी राजनीति को बंद नहीं कर रही है और अब इसमें मासूम स्कूली बच्चों को शामिल करने की हद तक गिर गई है.''
भाजपा के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली सरकार ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘इस तरह की किसी भी गतिविधि में किसी भी सरकारी विभाग या सरकारी कर्मचारी की भागीदारी नहीं है. यह सिर्फ भाजपा का दुष्प्रचार है.''
भाजपा नेता ने दावा किया, ‘‘दिल्ली सरकार के संरक्षण में छात्रों से सिसोदिया के लिए जबरन समर्थन हासिल करने के लिए सरकारी स्कूलों में विशेष ‘आई लव मनीष सिसोदिया' डेस्क स्थापित किए जाएंगे.''
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली प्रदेश भाजपा सिसोदिया का समर्थन करने के लिए स्कूली बच्चों को मजबूर करने की इस गंदी राजनीति की कड़ी निंदा करती है और आग्रह करती है कि इस ‘आई लव मनीष सिसोदिया' डेस्क योजना को तुरंत बंद किया जाना चाहिए.''
इस बीच, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने छात्रों द्वारा सिसोदिया के लिए लिखे गए संदेशों को साझा किया.
जल्द ही दिल्ली मंत्रिमंडल में शामिल होने वालीं ‘आप' नेता आतिशी ने ट्विटर पर छात्रों के संदेशों की तस्वीरें साझा कीं. उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा के लोगों, आप कितने भी झूठे आरोप लगा लें, लेकिन दिल्ली के बच्चों को मनीष सिसोदिया से जो प्यार मिला है, उसे डिगा नहीं सकते.''
दिल्ली के सरकारी स्कूल के बच्चों के इन पत्रों को पढ़िए।
— Tarishi Sharma (@tarishi_sharma) March 3, 2023
छात्र उनकी ज़िंदगी संवारने वाले अपने मनीष चाचा को बहुत याद कर रहे हैं।#ILoveManishSisodia pic.twitter.com/YpMoHBh1rG
वहीं, भाजपा नेता ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो को ट्वीट कर आरोप लगाया कि सिसोदिया के समर्थन में संदेश लिखने के लिए ‘आप' द्वारा छात्रों के माता-पिता पर दबाव डाला जा रहा है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं