बसपा सुप्रीमो मायावती का फाइल फोटो
लखनऊ:
भारतीय जनता पार्टी ने मथुरा हिंसा की सीबीआई जांच की मांग को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से दिये गये बयान को विरोधाभासी करार देते हुए गुरुवार को कहा कि एक ओर वह सीबीआई जांच की बात करती हैं, लेकिन दूसरी तरफ केंद्र पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप मढ़ रही हैं।
भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, 'एक तरफ बसपा सुप्रीमो जवाहर बाग कांड के लिए सीबीआई जांच की मांग कर रही हैं। दूसरी तरफ केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगा रही हैं। ये दोनों ही बातें परस्पर विरोधाभासी हैं जो उनके आरोप को थोथा तथा मनगढ़ंत साबित करता है।'
सपा और बसपा के बीच साठगांठ
मौर्य ने मायावती पर प्रदेश की समाजवादी पार्टी से भीतरी साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि बसपा सुप्रीमो द्वारा सपा के गुंडों को जेल में डालने वाला बयान खोखला साबित हो चुका है। प्रदेश में 2007 से 2012 तक बसपा की सरकार रही थी। बसपा ने 2007 में भी प्रदेश की जनता से यही वादा किया था, लेकिन पूरे पांच वर्ष के कार्यकाल में न तो सपा के गुंडों को मायावती ने जेल में डाला और ना ही सपा के भ्रष्टाचार की कोई जांच कराई।
उन्होंने आरोप लगाया कि वही समझौता सपा-बसपा के बीच आज भी जीवंत है। समाजवादी पार्टी ने भी 2012 में प्रदेश की जनता से बसपा के भ्रष्टाचार की जांच कराने और उन्हें जेल में डालने का बात कही थी परन्तु अखिलेश यादव की सरकार ने बसपा की लूट पर पर्दा डालने का कार्य किया। जेल तो दूर उन्होंने बसपा के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच तक नहीं कराई।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार को सपा-बसपा दोनों का संरक्षण है जो प्रदेश की जनता के सामने पूरी तौर पर साफ है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, 'एक तरफ बसपा सुप्रीमो जवाहर बाग कांड के लिए सीबीआई जांच की मांग कर रही हैं। दूसरी तरफ केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगा रही हैं। ये दोनों ही बातें परस्पर विरोधाभासी हैं जो उनके आरोप को थोथा तथा मनगढ़ंत साबित करता है।'
सपा और बसपा के बीच साठगांठ
मौर्य ने मायावती पर प्रदेश की समाजवादी पार्टी से भीतरी साठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि बसपा सुप्रीमो द्वारा सपा के गुंडों को जेल में डालने वाला बयान खोखला साबित हो चुका है। प्रदेश में 2007 से 2012 तक बसपा की सरकार रही थी। बसपा ने 2007 में भी प्रदेश की जनता से यही वादा किया था, लेकिन पूरे पांच वर्ष के कार्यकाल में न तो सपा के गुंडों को मायावती ने जेल में डाला और ना ही सपा के भ्रष्टाचार की कोई जांच कराई।
उन्होंने आरोप लगाया कि वही समझौता सपा-बसपा के बीच आज भी जीवंत है। समाजवादी पार्टी ने भी 2012 में प्रदेश की जनता से बसपा के भ्रष्टाचार की जांच कराने और उन्हें जेल में डालने का बात कही थी परन्तु अखिलेश यादव की सरकार ने बसपा की लूट पर पर्दा डालने का कार्य किया। जेल तो दूर उन्होंने बसपा के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच तक नहीं कराई।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार को सपा-बसपा दोनों का संरक्षण है जो प्रदेश की जनता के सामने पूरी तौर पर साफ है।
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