महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से कुछ घंटों पहले पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र नाथ पाटिल ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और वरिष्ठ राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता सुप्रिया सुले पर महाराष्ट्र चुनाव के दौरान अपने अभियान के लिए बिटकॉइन का उपयोग करने का आरोप लगाया है. इसके बाद बीजेपी ने कांग्रेस और एनसीपी पर बिटकॉइन स्कैम का आरोप लगाया है. हालांकि सुप्रिया सुले ने इसका जवाब दिया है.
सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मतदान से एक रात पहले, वोटरों को बरगलाने के लिए झूठी सूचना फैलाने की जानी पहचानी रणनीति का सहारा लिया जा रहा है. हमने बिटकॉइन हेराफेरी के फर्जी आरोपों के खिलाफ चुनाव आयोग और साइबर अपराध विभाग में एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई है. इसके पीछे के इरादे और दुर्भावना पूरी तरह से स्पष्ट हैं. ये काफी दुखद है कि भारत के संविधान द्वारा निर्देशित स्वस्थ लोकतंत्र में ऐसी प्रथाएं शुरू हुई हैं."
Familiar tactics of spreading false information to manipulate the righteous voters are being resorted to, a night before the polling day. We have filed a criminal complaint to the Hon'ble ECI & the Cyber crime department against the fake allegations made of bitcoin… pic.twitter.com/g8Selv1DFk
— Supriya Sule (@supriya_sule) November 19, 2024
इधर बीजेपी ने सुप्रिया सुले और नाना पटोले पर इसको लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विदेशी धन के ज़रिए चुनाव प्रभावित करने की कोशिश की जांच की मांग की.
पूर्व आईपीएस रवींद्र नाथ पाटिल ने आरोप लगाया कि सुप्रिया सुले और नाना पटोले क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में शामिल हैं. उन्होंने दोनों नेताओं पर चुनाव प्रचार के लिए बिटकॉइन हेरफेर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया.
रवींद्र नाथ पाटिल ने पुणे के पूर्व पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता और साइबर अपराध जांचकर्ता भाग्यश्री नवटके पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि वे बिटकॉइन घोटाले में शामिल थे. उन्हें सुप्रिया सुले और नाना पटोले से संरक्षण हासिल था.
2022 में आईपीएस रवींद्र नाथ पाटिल को किया गया था गिरफ्तार
उन्होंने पूरे घोटाले का ब्यौरा साझा करते हुए बताया कि साल 2018 के बिटकॉइन क्रिप्टो करेंसी घोटाले में फॉरेंसिक ऑडिट के लिए मेरी कंपनी केपीएमजी को अपॉइंट किया था. उसको मैंने लीड किया था. साल 2022 में मुझे उसी केस के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था. मैंने 14 महीने जेल में बिताए. इस दौरान वो यह पता लगाने की कोशिश कर रहे थे कि उन्हें क्यों फंसाया गया. उन्होंने और उनके सहयोगियों ने तथ्यों तक पहुंचने के लिए काम करना जारी रखा. आखिरकार, उन्हें चौंकाने वाले तथ्य मिले.
पाटिल ने खुलासा किया कि मामले में एक प्रमुख गवाह, एक ऑडिट फर्म के कर्मचारी गौरव मेहता ने पिछले कुछ दिनों में उनसे कई बार संपर्क किया था. जब पाटिल ने जवाब दिया, तो मेहता ने 2018 की क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी जांच के बारे में जानकारी साझा की. मेहता ने आरोप लगाया कि क्रिप्टोकरेंसी व्यापारी अमित भारद्वाज की गिरफ्तारी के दौरान, बिटकॉइन युक्त एक हार्डवेयर वॉलेट जब्त किया गया था.
सुप्रिया सुले और नाना पटोले क्रिप्टो करेंसी घोटाले में शामिल- रवींद्र नाथ पाटिल
हालांकि, मेहता के अनुसार, उस वॉलेट को दूसरे वॉलेट से बदला गया था. यह कथित तौर पर पुणे के तत्कालीन पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता के निर्देश पर किया गया था. मेहता ने दावा किया कि पाटिल और उनके सहयोगियों को गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया, जबकि असली अपराधी गुप्ता और उनकी टीम थी. पाटिल ने मेहता पर घोटाले में सुप्रिया सुले और नाना पटोले का नाम लेने का भी आरोप लगाया.
मेहता ने आरोप लगाया कि वे बिटकॉइन हेरफेर के जरिए हासिल नकदी का उपयोग 2019 के लोकसभा चुनावों और वर्तमान महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों सहित दूसरे चुनाव अभियानों के वित्तीय मदद के लिए कर रहे थे.
ऑडियो रिकॉर्डिंग में सुले ने कथित तौर पर मेहता को आश्वासन दिया कि जांच के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वे सत्ता में आने के बाद इसे संभाल लेंगे. एक अन्य रिकॉर्डिंग में कथित तौर पर नाना पटोले को नकदी लेनदेन में देरी के बारे में पूछताछ करते हुए सुना गया. इसका आडियो संदेश आईएएनएस के पास उपलब्ध है, लेकिन एजेंसी क्लिप की सत्यता की गारंटी नहीं देती है.
पाटिल का दावा- अमिताभ गुप्ता ने की 50 करोड़ रुपये की मांग
पाटिल ने आगे दावा किया कि एक अन्य ऑडियो रिकॉर्डिंग में अमिताभ गुप्ता 50 करोड़ रुपये की मांग करते हुए दिखाई दिए. एक अन्य बातचीत में, गुप्ता ने कथित तौर पर कहा कि उसने पाटिल और उनके सहयोगी पंकज घोडे के नाम पर चार क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट बनाए थे और इन वॉलेट से लेन-देन किए गए थे.
पाटिल ने गौरव मेहता के साथ हुई बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि गुप्ता ने कथित तौर पर सुझाव दिया था कि अगर जांच हुई तो पाटिल और पंकज घोडे दोनों फंस जाएंगे, हम सुरक्षित रहेंगे.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व आईपीएस अधिकारी रवींद्र नाथ पाटिल को 2022 में पुणे पुलिस ने करोड़ों रुपये की क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया था. 2004 बैच के आईपीएस अधिकारी पाटिल 2010 से कॉरपोरेट सेक्टर में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहे थे. 2018 में उन्हें बिटकॉइन धोखाधड़ी मामले में फॉरेंसिक ऑडिटर के तौर पर नियुक्त किया गया था.
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