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This Article is From Sep 01, 2014

टीचर्स डे को 'गुरु उत्सव' करने के बहाने संस्कृत थोपने का प्रयास : भाजपा की सहयोगी पीएमके

चेन्नई:

तमिलनाडु में भाजपा के दो सहयोगी दलों ने सोमवार को टीचर्स-डे का नामकरण 'गुरु उत्सव' के रूप में किए जाने का विरोध किया और पीएमके ने इसे संस्कृत को थोपने का गोपनीय प्रसास बताया।

पीएमके और एमडीएमके के नेताओं क्रमश: एस रामदास और वाइको ने कहा कि केंद्र तुरंत टीचर्स डे को 'गुरु उत्सव' घोषित करने के आदेश को वापस ले।

5 सितंबर को छात्रों से चर्चा करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फैसले का तो रामदास ने स्वागत किया, लेकिन इस दिवस को 'गुरु उत्सव' कहे जाने पर आपत्ति जताई।

रामदास और वाइको ने हाल ही में सीबीएसई स्कूलों में संस्कृत सप्ताह मनाए जाने का विरोध किया था। रामदास ने एक बयान में कहा, 'केंद्र सरकार के लिए इसका नाम बदलकर गुरु उत्सव करना उचित नहीं है। यह संस्कृत थोपने का गोपनीय प्रयास है, जो स्वीकार्य नहीं है।'

वाइको ने भी छात्रों के साथ चर्चा करने के मोदी के फैसले का स्वागत किया, लेकिन कहा कि पार्टी केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री द्वारा टीचर्स-डे का नाम बदलकर 'गुरु उत्सव' किए जाने की 'कड़ी निंदा' करती है।

उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार को यह अहसास होना चाहिए कि राष्ट्रीय अखंडता केवल तभी मजबूत होगी जब विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों की पहचान को बेहतर किया जाएगा।'

द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि पहले ही इस कदम का विरोध करते हुए आरोप लगा चुके हैं कि यह तमिल भाषा और समाज को नीचा दिखाने की साजिश है।

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