नई दिल्ली:
कोयले पर मचे कोहराम के बीच बीजेपी ने अब कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल का बीते 21 अगस्त को लोकसभा दिए गए बयान का हवाला देते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। बयान में जायसवाल ने कहा था कि सारे राज्यों के खनन मंत्रियों ने इस बात पर रजामंदी जताई है कि माइंस एंड मिनरल्स बिल में सुधार की जरुरत है।
अब इसका हवाला देते हुए बीजेपी कांग्रेस के इस दावे को गलत ठहरा रही है कि उसके मुख्यमंत्री नीलामी के खिलाफ हैं। बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी कहते हैं कि अगर किसी ने भी गलती की है तो आवंटन खारिज कर दिया जाए लेकिन इस सवाल पर आरोप-प्रत्यारोप यूपीए सरकार को नहीं करना चाहिए।
इधर, एनडीटीवी से बातचीत में जायसवाल ने माना है कि नीलामी के जरिए कोल ब्लॉक देने में देर हुई है हालांकि उन्होंने सफाई दी कि देरी इसलिए हुई कि यूपीए सरकार पारदर्शी सिस्टम बनाना चाहती है और इस दौरान एक भी ब्लॉक का आवंटन यूपीए सरकार ने नहीं किया। बीजेपी यह भी आरोप लगा रही है कि 2005 में नीलामी का विरोध आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा की कांग्रेस सरकारों ने भी किया था लेकिन उनका नाम नहीं लिया जा रहा।
अब इसका हवाला देते हुए बीजेपी कांग्रेस के इस दावे को गलत ठहरा रही है कि उसके मुख्यमंत्री नीलामी के खिलाफ हैं। बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी कहते हैं कि अगर किसी ने भी गलती की है तो आवंटन खारिज कर दिया जाए लेकिन इस सवाल पर आरोप-प्रत्यारोप यूपीए सरकार को नहीं करना चाहिए।
इधर, एनडीटीवी से बातचीत में जायसवाल ने माना है कि नीलामी के जरिए कोल ब्लॉक देने में देर हुई है हालांकि उन्होंने सफाई दी कि देरी इसलिए हुई कि यूपीए सरकार पारदर्शी सिस्टम बनाना चाहती है और इस दौरान एक भी ब्लॉक का आवंटन यूपीए सरकार ने नहीं किया। बीजेपी यह भी आरोप लगा रही है कि 2005 में नीलामी का विरोध आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा की कांग्रेस सरकारों ने भी किया था लेकिन उनका नाम नहीं लिया जा रहा।
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