चंडीगढ़:
केंद्रीय मंत्री बिरेंद्र सिंह ने आरक्षण के लिए जाट समुदाय की मांग का समर्थन किया है और कहा कि हरियाणा सरकार इस संबंध में एक विधेयक लाने को प्रतिबद्ध है।
हरियाणा विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए चंडीगढ़ आए बिरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मनोहर लाल खट्टर सरकार मुद्दे के सकारात्मक हल के लिए काम कर रही है।
हरियाणा के एक प्रमुख जाट नेता एवं केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सिंह ने चंडीगढ़ में संवाददाताओं से कहा, 'राज्य सरकार विभिन्न संगठनों एवं जाट नेताओं के सम्पर्क में है और जल्द ही एक सकारात्मक हल आएगा।'
जाट नेताओं की इस चेतावनी के बारे में पूछे जाने पर कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वे फिर से आरक्षण आंदोलन शुरू करेंगे, मंत्री ने कहा, 'किसी की बात सुनी न जाए, तो अल्टीमेटम से ही सुनी जाती है।'
विभिन्न जाट संगठनों ने गत सोमवार को 72 घंटे की समयसीमा देते हुए चेतावनी दी थी कि यदि खट्टर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो वे अपना आरक्षण आंदोलन फिर से शुरू करेंगे। समयसीमा गुरुवार को समाप्त हो गई थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने जाट नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया।
जाट नौकरियों एवं शैक्षिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने, आंदोलन के दौरान मारे गए व्यक्तियों के परिजनों के लिए मुआवजा और कुरूक्षेत्र से बीजेपी सांसद राज कुमार सैनी के खिलाफ उनके 'जाट आरक्षण विरोधी' रुख के लिए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
हरियाणा विधानसभा की कार्यवाही देखने के लिए चंडीगढ़ आए बिरेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि मनोहर लाल खट्टर सरकार मुद्दे के सकारात्मक हल के लिए काम कर रही है।
हरियाणा के एक प्रमुख जाट नेता एवं केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री सिंह ने चंडीगढ़ में संवाददाताओं से कहा, 'राज्य सरकार विभिन्न संगठनों एवं जाट नेताओं के सम्पर्क में है और जल्द ही एक सकारात्मक हल आएगा।'
जाट नेताओं की इस चेतावनी के बारे में पूछे जाने पर कि यदि उनकी मांगे पूरी नहीं की गई तो वे फिर से आरक्षण आंदोलन शुरू करेंगे, मंत्री ने कहा, 'किसी की बात सुनी न जाए, तो अल्टीमेटम से ही सुनी जाती है।'
विभिन्न जाट संगठनों ने गत सोमवार को 72 घंटे की समयसीमा देते हुए चेतावनी दी थी कि यदि खट्टर सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो वे अपना आरक्षण आंदोलन फिर से शुरू करेंगे। समयसीमा गुरुवार को समाप्त हो गई थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने जाट नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया।
जाट नौकरियों एवं शैक्षिक संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण के साथ ही प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लेने, आंदोलन के दौरान मारे गए व्यक्तियों के परिजनों के लिए मुआवजा और कुरूक्षेत्र से बीजेपी सांसद राज कुमार सैनी के खिलाफ उनके 'जाट आरक्षण विरोधी' रुख के लिए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
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