ऑनर किलिंग की घटनाओं पर रोकथाम के लिये सोमवार को राजस्थान विधानसभा ने संशोधित विधेयक मंगलवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया. विधेयक पर चर्चा के बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित हुआ घोषित किया. राज्य की संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने 30 जुलाई को ‘राजस्थान सम्मान और परम्परा के नाम पर वैवाहिक संबंधों की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप का प्रतिषेध विधेयक, 2019' सदन में पेश किया था. विधेयक के अनुसार कथित सम्मान के लिए की जाने वाली हिंसा एवं कृत्य भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध हैं और इन्हें रोकना जरूरी है.
उच्चतम न्यायालय ने 17 जुलाई को अपने निर्णय में इस संबंध में कानून बनाने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 16 जुलाई को बजट भाषण के जवाब के दौरान मॉब लिंचिंग और आनॅर किलिंग को रोकने के लिये कानून बनाने की घोषणा की थी.
यह भी पढ़ें: गुर्जर आरक्षण बिल राजस्थान विधानसभा में पास, मिलेगा 5 फीसदी कोटा
बता दें इससे पहले 30 जुलाई को राजस्थान विधानसभा में मॉब लिंचिग की घटनाओं को लेकर एक बिल पेश किया गया था. इसके अस्तित्व में आते ही भीड़ में शामिल होकर मारपीट करने वालों को 10 साल की जेल और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. विधेयक में यह भी प्रावधान है कि मॉब लिंचिंग मामलों की जांच आईजी स्तर के अधिकारी करेंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं