बिहार में सियासत गरमाई हुई है. भाजपा को छोड़ नीतीश कुमार की जेडीयू ने राजद से हाथ मिला लिया है. इस बीच, नीतीश कुमार ने साल 2024 चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की एकजुटता को लेकर कवायद शुरू कर दी है. इसके लिए उनका दिल्ली का दौरा भी है. विपक्षी एकता की कोशिशों के तहत विभिन्न पार्टियों के नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से पटना में मुलाकात की.
नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव से मिलने उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर गए, जहां उनका स्वागत लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने किया. तेजस्वी स्वयं नीतीश कुमार की मौजूदा सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं. यादव ने कभी एक दूसरे के घोर विरोधी रहे नेताओं की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी हमारे आवास पर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद से मुलाकात करने आए.''
आदरणीय मुख्यमंत्री श्री @NitishKumar जी ने आवास पर आदरणीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री @laluprasadrjd जी से मुलाकात की। pic.twitter.com/SChdNBDdi8
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) September 5, 2022
प्रसाद का स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है और वह सिंगापुर में गुर्दा प्रतिरोपण कराने का इंतजार कर रहे हैं. तस्वीर से लगता है कि वह कंधे की चोट से उबर गए हैं जो उन्हें जुलाई में लगी थी क्योंकि जब उन्होंने नीतीश कुमार से मुलाकात की तो उनके कंधे पर पट्टी नहीं लगी थी.
तस्वीरों में दोनों नेताओं के व्यक्तिगत और राजनीतिक समीकरण का संकेत मिलता है, जिसमें मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को लालू प्रसाद की, सीढ़ियों पर चढ़ने में मदद करते हुए देखा जा सकता है.
गौरतलब है कि पिछले महीने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ने वाले कुमार ने देश की विभिन्न विपक्षी पार्टियों को एकसाथ लाने का संकल्प लिया है ताकि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को कड़ी टक्कर दी जा सके.
कुमार की इस पहल में तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) नेता के चंद्रशेखर राव का समर्थन पिछले सप्ताह मिला जब वह स्वयं पटना आए थे. राव ने पटना में कुमार और प्रसाद से मुलाकात की थी और ‘‘भाजपा मुक्त भारत'' का आह्वान किया था.
कुमार हालांकि, ‘तीसरे मोर्चे' के विचार से प्रभावित नजर नहीं आ रहे हैं और वह कांग्रेस को साथ लेने के पक्ष में हैं. कुमार इस समय बिहार में कांग्रेस और वामदलों सहित कुल सात पार्टियों के ‘महागठबंधन' की सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं. कांग्रेस की ओर कुमार के झुकाव को लालू प्रसाद से भी पुरजोर समर्थन मिलने की उम्मीद है क्योंकि राजद अध्यक्ष के कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बहुत अच्छे संबंध माने जाते हैं.
वहीं, दिल्ली में नीतीश कुमार का कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल सहित विपक्षी पार्टियों के अन्य नेताओं से भी मिलने का कार्यक्रम है. नीतीश कुमार को वार्ता करने की कला के लिए जाना जाता है और उम्मीद की जा रही है कि वह इस कौशल का इस्तेमाल विभिन्न भाजपा विरोधी पार्टियों के मतभेदों को दूर करने में कर सकते हैं.
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