रामनाथ कोविंद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करते हुए (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बीते कई दिनों से चल रही कवायद के बाद सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष ने अपने पत्ते खोल दिए. एनडीए ने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाया है और ऐसा करके उसने एक तीर से कई शिकार करने की कोशिश की है. रामनाथ कोविंद की छवि बेहद शांत और संजीदा किस्म के राजनेता के तौर पर रही है साथ ही दलित समुदाय से आने की वजह से उनका विरोध करना विपक्ष के लिए भी आसान नहीं होगा जबतक कि वे कोई बेहतर विकल्प नहीं ढूंढ लेते. रामनाथ कोविंद दिल्ली पहुंच चुके हैं जहां वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे. इस मामले में विपक्ष से जो बयान आ रहे हैं उससे ये लग रहा है कि विपक्ष को ज़रा भी अंदेशा नहीं था कि इस तरह से, इतनी जल्दी NDA नाम का ऐलान कर देगा. ये भी तय लग रहा है कि विपक्ष भी अपना उम्मीदवार उतारेगा.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी की संसदीय दल की लगभग दो घंटे चली बैठक के बाद कहा, 'हमने फैसला किया है कि रामनाथ कोविंद राजग की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे.' इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे. उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए लंबे समय से राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा कर रहे थे.
शाह ने संवाददाताओं को बताया, 'भाजपा ने सभी राजनीतिक दलों और समाज के कई वर्गों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. चर्चा के बाद उम्मीदवारों की एक लंबी सूची तैयार की गई, जिसपर पार्टी की संसदीय दल की बैठक में चर्चा हुई.'
कोविंद (72) 23 जून को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यदि वह चुनाव जीतते हैं तो आर. के. नारायणन के बाद दूसरे दलित राष्ट्रपति होंगे. कोविंद के नाम की घोषणा से पहले सुषमा स्वराज और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सहित कई नेताओं के नाम पर चर्चा हुई.
शाह ने कहा कि एनडीए के सहयोगी दलों को कोविंद की उम्मीदवारी से वाकिफ करा दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य नेताओं से एनडीए उम्मीदवार के बारे में बात की.
मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (बीजद), तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (टीआरएस) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (तेदेपा) से भी बात की.
भाजपा के वरिष्ठ नेता एम. वेंकैया नायडू ने पार्टी के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से भी बात की.
अमित शाह ने कहा, 'रामनाथ दलित परिवार से आते हैं और उन्होंने बहुत संघर्ष किया है. हमें उम्मीद है कि उन्हें चुनाव में सभी का समर्थन मिलेगा.' उन्होंने कहा कि कोविंद ने दलितों और गरीबों के लिए काफी काम किया है.
पेशे से वकील कोविंद मई 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सत्ता में आने के बाद से पिछले दो वर्षों से बिहार के राज्यपाल हैं. वह भाजपा की दलित इकाई का भी नेतृत्व कर चुके हैं. वह 12 वर्षों तक राज्यसभा सांसद रहे और कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे. वह उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में प्रैक्टिस कर चुके हैं.
(इनपुट आईएएनएस से...)
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पार्टी की संसदीय दल की लगभग दो घंटे चली बैठक के बाद कहा, 'हमने फैसला किया है कि रामनाथ कोविंद राजग की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार होंगे.' इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे. उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए लंबे समय से राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा कर रहे थे.
शाह ने संवाददाताओं को बताया, 'भाजपा ने सभी राजनीतिक दलों और समाज के कई वर्गों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की. चर्चा के बाद उम्मीदवारों की एक लंबी सूची तैयार की गई, जिसपर पार्टी की संसदीय दल की बैठक में चर्चा हुई.'
कोविंद (72) 23 जून को अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यदि वह चुनाव जीतते हैं तो आर. के. नारायणन के बाद दूसरे दलित राष्ट्रपति होंगे. कोविंद के नाम की घोषणा से पहले सुषमा स्वराज और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन सहित कई नेताओं के नाम पर चर्चा हुई.
शाह ने कहा कि एनडीए के सहयोगी दलों को कोविंद की उम्मीदवारी से वाकिफ करा दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अन्य नेताओं से एनडीए उम्मीदवार के बारे में बात की.
मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (बीजद), तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (टीआरएस) और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू (तेदेपा) से भी बात की.
भाजपा के वरिष्ठ नेता एम. वेंकैया नायडू ने पार्टी के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी से भी बात की.
अमित शाह ने कहा, 'रामनाथ दलित परिवार से आते हैं और उन्होंने बहुत संघर्ष किया है. हमें उम्मीद है कि उन्हें चुनाव में सभी का समर्थन मिलेगा.' उन्होंने कहा कि कोविंद ने दलितों और गरीबों के लिए काफी काम किया है.
पेशे से वकील कोविंद मई 2014 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सत्ता में आने के बाद से पिछले दो वर्षों से बिहार के राज्यपाल हैं. वह भाजपा की दलित इकाई का भी नेतृत्व कर चुके हैं. वह 12 वर्षों तक राज्यसभा सांसद रहे और कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे. वह उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में प्रैक्टिस कर चुके हैं.
(इनपुट आईएएनएस से...)
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