- महाराष्ट्र के महा विकास अघाड़ी गठबंधन में बिहार चुनाव के बाद सहयोगी दलों के बीच विवाद और तनाव बढ़ा.
- शिवसेना उद्धव गुट के अंबादास दानवे ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री घोषित करने में हुई देरी को हार की वजह बताया.
- दानवे ने कहा कि सीट बंटवारे में देरी और मुख्यमंत्रिपद के चेहरे की घोषणा न होने से गठबंधन को नुकसान हुआ.
बिहार चुनाव के नतीजों को लेकर महाराष्ट्र के महा विकास अघाड़ी गठबंधन में सहयोगी दलों के बीच तनाव बढ़ गया है. शिवसेना उद्धव गुट और कांग्रेस के नेताओं ने एक-दूसरे पर निशाना साधा है. शिवसेना उद्धव गुट नेता अंबादास दानवे ने बिहार में INDIA ब्लॉक की हार के लिए गठबंधन की आंतरिक देरी को जिम्मेदार ठहराया है.
सीएम घोषित करने में देर
UBT नेता दानवे ने कहा कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित करने में हुई हिचकिचाहट और सीट-बंटवारे को अंतिम रूप देने में लगे लंबे समय ने गठबंधन को चुनाव में भारी नुकसान पहुंचाया. उनके अनुसार, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्रा को जनता का जबरदस्त समर्थन मिला था, उसी समय गठबंधन को तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर देना चाहिए था.
कांग्रेस ने दिया जवाब
दानवे ने महाराष्ट्र से तुलना करते हुए कहा कि अगर राज्य में भी उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद का चेहरा जल्दी घोषित कर दिया जाता और सीट-बंटवारा आसानी से हो जाता, तो विधानसभा चुनाव के नतीजे बहुत अलग होते. इस पर कांग्रेस नेता अतुल लोंढे ने पलटवार किया. दानवे के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस नेता अतुल लोंढे ने दानवे को याद दिलाया कि बिहार का फैसला 'ज्ञानेश कुमार(मुख्य चुनाव आयुक्त) की जीत थी, न कि नीतीश कुमार की.'
वोट चोरी पर अटकी पार्टी
उन्होंने शिवसेना उद्धव गुट पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें यह देखना चाहिए कि उन्होंने जिन विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से कई सीटों पर तो उनकी जमानत तक जब्त हो गई. लोंढे ने सलाह दी कि गठबंधन के भीतर एक-दूसरे को निशाना बनाने के बजाय, सभी का ध्यान 'वोट चोरी' जैसे बड़े मुद्दों पर केंद्रित होना चाहिए.
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