बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की गर्दा उड़ाने वाली जीत को लेकर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बेबाक राय रखी है. बडगाम उपचुनाव में पहली बार मिली हार से आहत अब्दुल्ला ने कहा कि बिहार के नतीजे देखकर उन्हें अपनी हालत पर कम दुख होता है. उन्होंने ये भी कहा कि दूसरे राज्यों को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीख लेनी चाहिए.
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब मैं बिहार के नतीजे देखता हूं तो मुझे अपनी हालत पर कम दुख होता है. मुझे पहले ही पता था कि बडगाम का चुनाव आसान नहीं होगा. बडगाम के अपने हालात हैं. यहां एक बहुत बड़ा तबका है, जो मुद्दों के आधार पर या काम को देखकर मतदान नहीं करता है.
#WATCH | Jammu | On NDA heading towards a landslide victory in #BiharElection2025, J&K CM Omar Abdullah says, "When I look at Bihar's condition, I feel less sad about my own. I knew the Budgam elections wouldn't be easy because there is a huge section here that doesn't vote on… pic.twitter.com/pcf1Q1nydn
— ANI (@ANI) November 14, 2025
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब मैं बिहार का हाल देखता हूं और देखता हूं कि ये वो बिहार है जहां 'वोट-चोरी' यात्रा में बड़ी संख्या में लोग जुटे. उस भीड़ को देखने के बाद कांग्रेस को लगा कि उसे बहुत सारी सीटों पर सफलता मिलेगी. शायद उसी की वजह से सीट शेयरिंग मुश्किल हुई.
उन्होंने आगे कहा कि अब बिहार के नतीजों को देखते हुए कहा जा सकता है कि नीतीश कुमार ने एंटी इनकंबेंसी का शिकार होने के बजाय इसे सत्ता में बदल दिया और सत्ता में होने का फायदा उठाया. 10वीं बार सीएम बनना कोई छोटी बात नहीं है. अच्छा होगा, अगर बाकी सरकारें भी उनसे सीख लें. सीखें कि उन्होंने वोटरों के लिए क्या किया.
#BharatKiBaatBatataHoon | बिहार चुनाव : NDA की सुनामी में बुझी लालटेन!@SyyedSuhail | #ResultsWithNDTV pic.twitter.com/3NKmKbJdeU
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नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने आगे कहा कि एक बात तो पक्की है कि नीतीश कुमार ने जाति को दरकिनार कर महिलाओं के लिए जो योजनाएं शुरू कीं, जो काम किया, उसका उन्हें भरपूर फायदा मिला है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 1957 में हुए पहले विधानसभा चुनाव के बाद से यह पहली बार है, जब नेशनल कॉन्फ्रेंस अपने गढ़ मध्य कश्मीर के बडगाम में हारी है. इस बीच नेकां ने केवल 1972 में इस सीट का प्रतिनिधित्व नहीं किया था, जब पार्टी ने पूरे जम्मू-कश्मीर में चुनावों का बहिष्कार किया था.
पिछले साल विधानसभा चुनाव में अपने पारिवारिक गढ़ गांदरबल से चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने यह सीट खाली की थी. इसके बाद यहां उपचुनाव कराए गए थे. इस चुनाव में पीडीपी उम्मीदवार आगा सैयद मुंतजिर ने लगभग 4,500 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है. नेकां उम्मीदवार दूसरे और बीजेपी उम्मीदवार आगा सैयद मोहसिन छठे स्थान पर रहे. मुंतजिर की जीत से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पीडीपी विधायकों की संख्या चार हो गई है.
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