
- बिहार विधानसभा चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन फरार नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने विशेष कार्रवाई की
- जहानाबाद से आजाद समाज पार्टी उम्मीदवार मोहम्मद कलामुद्दीन को नामांकन के बाद फायरिंग केस में गिरफ्तार किया गया
- कलामुद्दीन पर काको थाना क्षेत्र में गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं और वे लंबे समय से फरार थे
बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन करने पहुंचे मोहम्मद कलामुद्दीन जैसे ही निर्वाचन आयोग के ऑफिस से बाहर निकले, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. बिहार में कई ऐसे नेता हैं, जिन पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं और वे फरार चल रहे हैं. अब ऐसे नेताओं के सामने मजबूरी थी कि अगर चुनाव लड़ना है, तो नॉमिनेशन फाइल करने के लिए बाहर आना होगा. बिहार की पुलिस भी इसी ताक में बैठी थी कि ऐसे नेता नॉमिनेशन फाइल करने आएं और वो उन्हें गिरफ्त में ले. इस दौरान पुलिस के हत्थे कई फरार नेता लगे.
नॉमिनेशन के तुरंत बाद गिरफ्तार
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का 20 अक्टूबर को आखिरी दिन था. सोमवार को पुलिस ने नामाकंन करने आए दो फरार नेताओं को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया. जहानाबाद विधानसभा चुनाव के नामांकन के अंतिम दिन मोहम्मद कलामुद्दीन को पुलिस ने नामांकन दाखिल करने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया. वह नगर थाना अंतर्गत अनुमंडल कार्यालय परिसर में अपने समर्थकों के साथ आजाद समाज पार्टी के प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे.
कलामुद्दीन पर गंभीर धाराओं के तहत मामला है दर्ज
मो. कलामुद्दीन शहर के जाफरगंज मोहल्ला के निवासी हैं और काको थाना क्षेत्र में दर्ज एक फायरिंग के मामले में गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज है और वह लंबे समय से फरार चल रहे थे. पुलिस को जैसे ही उनकी मौजूदगी की सूचना मिली, टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया. काको थानाध्यक्ष राहुल कुमार ने पुष्टि की है कि मो. कलामुद्दीन पर काको निवासी एक युवक पर फायरिंग करने का आरोप है और उनकी लंबे समय से तलाश की जा रही थी. गिरफ्तारी के बाद उन्हें काको थाना ले जाया गया, जहां से न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया जारी है. वही इस कार्रवाई से प्रत्याशी के समर्थकों में नाराज़गी है. उन्होंने गिरफ्तारी को एक राजनीतिक साजिश करार दिया और सवाल उठाया कि यदि वह फरार थे, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? हालांकि, इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान प्रशासन अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है, चाहे वे किसी भी स्थिति या पद के दावेदार क्यों न हों.
RJD उम्मीदवार भी गिरफ्तार
बिहार की सासाराम सीट से राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार सत्येंद्र साह को भी सोमवार को नामांकन दाखिल करने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया. स्थानीय थाने के अधिकारियों ने बताया कि साह की गिरफ्तारी झारखंड पुलिस ने की, क्योंकि उनके खिलाफ एक गैर-जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) लंबित था. उनके समर्थक इस कार्रवाई से अनजान थे और गिरफ्तारी की खबर फैलते ही हैरान रह गए. रोहतास जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जैसे ही सत्येंद्र साह सासाराम सीट से अपना नामांकन दाखिल करने के लिए क्षेत्राधिकारी (सीओ) के कार्यालय पहुंचे, झारखंड पुलिस की एक टीम वहां पहुंची और उनके खिलाफ लंबित गैर जमानती वारंट तामील किया.' झारखंड पुलिस ने कहा कि वह गढ़वा जिले के चिरौंजिया मोड़ पर 2004 में बैंक में हुई लूट के मामले में आरोपी हैं. झारखंड के गढ़वा में सदर थाने के प्रभारी अधिकारी सुनील तिवारी ने कहा, 'उस मामले में 2018 में सत्येंद्र साह के खिलाफ एक स्थायी वारंट जारी किया गया था. पुलिस रिकॉर्ड बताते हैं कि लूट, डकैती और शस्त्र अधिनियम के उल्लंघन से संबंधित 20 से अधिक मामले विभिन्न थानों में उनके खिलाफ लंबित हैं.'
बिहार की 243-सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में मतदान होना है. पहला चरण छह नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को है. मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी. यह ‘इंडिया' गठबंधन के प्रत्याशियों की गिरफ्तारी का तीसरा मामला है. इससे पहले, भाकपा (माले) लिबरेशन के दो उम्मीदवार भोरे से जितेंद्र पासवान और दरौली से सत्यदेव राम को भी नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद गिरफ्तार किया गया था.
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