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This Article is From Jan 03, 2025

BPSC के खिलाफ पप्पू यादव के समर्थकों का प्रदर्शन, रेलवे ट्रैक पर बैठे

अभ्यर्थियों के समर्थन में पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने शुक्रवार को बिहार बंद का ऐलान किया था. पप्पू यादव के समर्थकों ने पटना के सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर ट्रेन को रोका.

BPSC के खिलाफ पप्पू यादव के समर्थकों का प्रदर्शन, रेलवे ट्रैक पर बैठे
रेलवे ट्रैक पर लेटे हुए पप्पू यादव के समर्थक
पटना:

70वीं BPSC पीटी रद्द करके फिर से परीक्षा आयोजित करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन चल रहा है. पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव के समर्थक BPSC के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर बैठ गए हैं. अभ्यर्थियों के समर्थन में पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने शुक्रवार को बिहार बंद का ऐलान किया था. पप्पू यादव के समर्थकों ने पटना के सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर ट्रेन को रोका. पप्पू यादव के समर्थक तिरंगा झंडे के साथ पहुंचे हैं. इन समर्थकों ने हाथ में बैनर लेकर बीपीएससी रीएग्जाम की मांग की. वहीं पुलिसबल इन प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास कर रही है.

प्रशांत किशोर का आमरण-अनशन

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने हाल में आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग की एक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर गुरुवार को यहां गांधी मैदान में महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे आमरण अनशन शुरू किया. किशोर ने यह घोषणा करते हुए कहा, 'मेरी प्राथमिक मांग 13 दिसंबर को आयोजित परीक्षा को रद्द करवाकर एक नई परीक्षा आयोजित करवाना है. मैंने यह भी सुना है कि परीक्षा द्वारा भरे जाने वाले पदों को वस्तुतः खरीद-फरोख्त के लिए रखा गया था. ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान की जानी चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए.'

इस अवसर पर किशोर के साथ कई समर्थक भी थे. गांधी मैदान गर्दनी बाग से बमुश्किल कुछ किलोमीटर की दूरी पर है, जहां प्रभावित उम्मीदवार लगभग दो सप्ताह से चौबीसों घंटे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. चुनाव रणनीतिकार रहे किशोर को उम्मीद है कि उनकी पार्टी एक साल से भी कम समय में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ा प्रभाव डालेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि उपरोक्त मांगें उन चीजों में से कुछ हैं जिन पर उन्हें सरकार से काम करने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि राज्य की राजग सरकार 'एक अधिवास नीति लाए, जिसमें राज्य के उम्मीदवारों के लिए दो तिहाई सरकारी रिक्तियां आरक्षित हों.'

प्रशांत किशोर की क्या मांग

उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) ने राज्य का दौरा किया था और बेरोजगारी भत्ते का वादा किया था लेकिन 20 साल बाद भी एक भी व्यक्ति को इसका लाभ नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि सरकार को बेरोजगारी भत्ता देना शुरू करना चाहिए. किशोर ने प्रश्नपत्र लीक की कथित घटनाओं के सिलसिले में पिछले 10 वर्षों में आयोजित कई प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर एक श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की. किशोर ने कहा कि जिन अधिकारियों ने लोकतंत्र को लाठी तंत्र में बदल दिया, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.

BPSC के खिलाफ क्यों हो रहा प्रदर्शन

तेरह दिसंबर को बीपीएससी द्वारा आयोजित एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता में लगभग पांच लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे. यहां बापू परीक्षा केंद्र के सैंकड़ों परीक्षार्थियों ने प्रश्नपत्र लीक होने का आरोप लगाते हुए परीक्षा का बहिष्कार किया था. बीपीएससी ने इस आरोप का जोरदार खंडन करते हुए दावा किया था कि यह परीक्षा को रद्द करने के लिए 'एक साजिश' थी. बीपीएससी ने बाद में बापू परीक्षा केंद्र के 10,000 से अधिक उम्मीदवारों के लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित कराए जाने का आदेश दिया था. उम्मीदवारों को चार जनवरी को शहर भर में 22 नए नामित केंद्रों पर उपस्थित होने के लिए कहा गया है.

कुछ उम्मीदवारों ने इस पर नाराजगी जताई है. उनका मानना ​​है कि इस तरह की व्यवस्था 'समान अवसर' सुनिश्चित करने के सिद्धांत के खिलाफ है. अभ्यर्थियों की नाराजगी को लेकर 11 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मुलाकात की थी, जिसे गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में सरकार की ओर से उठाया गया एक कदम माना जा रहा था. हालांकि सरकार यह भी कहती रही है कि मामले में कोई भी निर्णय 'स्वायत्त' लोक सेवा आयोग को लेना होगा. प्रतिनिधिमंडल में किशोर के पार्टी सहयोगी और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी आर के मिश्रा भी शामिल थे.

पेपर लीक पर क्या बोले सीएम के प्रमुख सहयोगी

31 दिसंबर को मुख्यमंत्री के प्रमुख सहयोगी वरिष्ठ मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा था कि 13 दिसंबर को प्रश्नपत्र लीक होने का कोई सबूत नहीं है. उसके बाद यह माना जाने लगा था कि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करने को तैयार नहीं है. इस बीच पटना के जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक ने बीपीएससी द्वारा चार जनवरी को आयोजित एकीकृत 70वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगिता पुनर्परीक्षा को स्वच्छ, कदाचारमुक्त एवं शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न कराने के लिए दण्डाधिकारियों, पुलिस अधिकारियों एवं केन्द्राधीक्षकों की संयुक्त ब्रीफिंग की.

बीपीएससी के मुद्दे पर पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने तीन जनवरी को रेल और और राष्ट्रीय राजमार्ग रोको अभियान की घोषणा की है. भाकपा माले लिबरेशन ने भी घोषणा की कि उसकी छात्र ईकाई आइसा, समान विचारधारा वाले संगठनों के साथ मिलकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास के सामने प्रदर्शन करेगी ताकि 'नीतीश कुमार को इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ने के लिए मजबूर किया जा सके.' वामपंथी पार्टी ने कहा, 'बिहार भर से हजारों युवक और युवतियां विरोध प्रदर्शन के लिए पटना में एकत्र होंगे. सरकार को परीक्षा रद्द करनी होगी और नए सिरे से परीक्षा का आदेश देना होगा, साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी.'

(भाषा इनपुट्स के साथ)

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