बिहार में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (Janta Dal United) अपने सहयोगी भाजपा के केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय के इस बयान से इत्तेफ़ाक नहीं रखती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janta Dal) की सरकार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बन गयी तो कश्मीर के आतंकवादी बिहार में शरण ले लेंगे. जनता दल यूनाइटेड के बिहार इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक चौधरी का कहना है कि नित्यानंद राय को ऐसे बयानों से बचना चाहिए.
वहीं जनता दल यूनाइटेड के इस रूख के बाद भाजपा ने भी सफ़ाई दी है कि उनका कहने का यह अर्थ नहीं था. बिहार के प्रभारी और पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव ने कहा कि नित्यानंद राय के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है. हालाँकि, राय ना तो अपने विवादास्पद बयान पर सफाई देने के लिए आगे आए और ना ही उन्होंने कोई ट्वीट कर इस बारे में कुछ कहा. इससे पूर्व राष्ट्रीय जनता दल ने इस बयान के आधार पर बुधवार को नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश की.
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विपक्ष के नेता और महगठबंधन की अगुवाई कर रहे तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में बेरोज़गारी, भुखमरी और पलायन का आतंकवाद है. उनका कहना है कि दरअसल भाजपा इन सभी एजेंडा से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए ही ऐसा बयान दे रही है. वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने चुटकी लेते हुए कहा था कि लगता है भाजपा नेताओं को नीतीश कुमार के विकास पर भरोसा नहीं है, इसलिए धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए अभी से ऐसे बयान दिए जा रहे हैं.
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जनता दल यूनाइटेड के नेताओं का मानना है कि राय के बयान से नुक़सान जेडीयू को होगा क्योंकि मुस्लिम समाज का एक तबका उन्हें वोट देने से परहेज़ नहीं करता लेकिन ऐसे विवादास्पद बयान से वैसे मतदाताओं पर प्रतिकूल असर पड़ता है. बता दें कि 2015 के विधान सभा चुनाव में भी भाजपा नेताओं ने इसी तरह के बयान किशनगंज में दिए थे. तब अमित शाह ने कहा था कि अगर महागठबंधन जीत गया तो पाकिस्तान में दीवाली मनाई जाएगी, पटाखे फोड़े जाएंगे. इस बयान से पार्टी को सीमांचल में विशेष लाभ मिला था.
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