नई दिल्ली / गया:
बिहार के गया-औरंगाबाद बॉर्डर पर मदनपुर के डुमरी पुल के पास रात से नक्सलियों और CRPF जवानों की मुठभेड़ चल रही है, जिसमें कोबरा बटालियन के 10 जवान शहीद हुए हैं, जबकि चार जवान घायल हुए हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस मुद्दे पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की है।
बताया जा रहा है कि IED ब्लास्ट की चपेट में आने से जवानों की मौत हुई है। कई जवान अब भी इस इलाक़े में फंसे हुए हैं, जिन्हें यहां से निकालने की कोशिशें जारी हैं। इस मुठभेड़ में चार नक्सलियों को भी मार गिराया गया है, जिनमें एक नक्सलियों का बड़ा कमांडर बताया जा रहा है। मारे गए नक्सलियों के पास ऑटोमेटिक हथियार भी मिले हैं।
सीआरपीएफ और नक्सलियों की बीच मुठभेड़ औरंगाबाद और गया के बार्डर पर डुमरीनाला के पास सोमवार को हुई है। सीआरपीएफ के जवान इस इलाके में 16 जुलाई से ही नक्सलियों की खोज में निकले थे, लेकिन उनका नक्सलियों से आमना-सामना सोमवार को करीब साढ़े 11 बजे दिन में हुआ। नक्सलियों ने पहले इन पर गोलीबारी की। फिर करीब 27 से 28 आईईडी धमाके भी किए। देर रात को इलाके में आईइडी होने की आशंका की वजह से ऑपरेशन रोक दिया था ताकि कोई अप्रिय घटना और ना हो जाए। हालात का मुआयना करने के लिए खुद सीआरपीएफ के डीजी के दुर्गा प्रसाद और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर जाएंगे।
205 वीं कोबरा बटालियन के जवानों को नक्सल विरोधी अभियान के लिए राज्य में तैनात किया गया है। विशेष अभियान पर तैनात सीआरपीएफ की कोबरा इकाई के लिए यह सबसे बड़ी क्षतियों में से एक है।
बताया जा रहा है कि IED ब्लास्ट की चपेट में आने से जवानों की मौत हुई है। कई जवान अब भी इस इलाक़े में फंसे हुए हैं, जिन्हें यहां से निकालने की कोशिशें जारी हैं। इस मुठभेड़ में चार नक्सलियों को भी मार गिराया गया है, जिनमें एक नक्सलियों का बड़ा कमांडर बताया जा रहा है। मारे गए नक्सलियों के पास ऑटोमेटिक हथियार भी मिले हैं।
सीआरपीएफ और नक्सलियों की बीच मुठभेड़ औरंगाबाद और गया के बार्डर पर डुमरीनाला के पास सोमवार को हुई है। सीआरपीएफ के जवान इस इलाके में 16 जुलाई से ही नक्सलियों की खोज में निकले थे, लेकिन उनका नक्सलियों से आमना-सामना सोमवार को करीब साढ़े 11 बजे दिन में हुआ। नक्सलियों ने पहले इन पर गोलीबारी की। फिर करीब 27 से 28 आईईडी धमाके भी किए। देर रात को इलाके में आईइडी होने की आशंका की वजह से ऑपरेशन रोक दिया था ताकि कोई अप्रिय घटना और ना हो जाए। हालात का मुआयना करने के लिए खुद सीआरपीएफ के डीजी के दुर्गा प्रसाद और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर जाएंगे।
205 वीं कोबरा बटालियन के जवानों को नक्सल विरोधी अभियान के लिए राज्य में तैनात किया गया है। विशेष अभियान पर तैनात सीआरपीएफ की कोबरा इकाई के लिए यह सबसे बड़ी क्षतियों में से एक है।