महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बुधवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री दीपक सावंत ने बुधवार को एकनाथ शिंदे-नीत शिवसेना का दामन थाम लिया. दीपक सावंत, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना में शामिल हुए. गौरतलब है कि सावंत तत्कालीन एकीकृत शिवसेना के विधान पार्षद थे और 2014 से 2018 तक देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री थे. उन्हें कैबिनेट से हटा दिया गया था और 2018 में उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद चुनाव के लिए टिकट से भी वंचित कर दिया था.
गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे तीर-कमान चुनाव चिह्न आवंटित करने का फैसला सुनाया है. शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने आयोग के इस फैसले की निंदा करते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताया है.
आदित्य ने उत्तरी मुंबई में 13 मार्च को पार्टी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा था कि शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उसे तीर-कमान चुनाव चिह्न आवंटित करने का निर्वाचन आयोग का फैसला लोकतंत्र के लिए खतरनाक है. उन्होंने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) को आवंटित मशाल का चिह्न एकमात्र ऐसा प्रकाश है जो विश्वासघात और पीठ में छुरा घोंपने से हुए अंधेरे को मिटाएगा.उन्होंने कहा कि शिंदे के नेतृत्व में बागी विधायकों ने उस सरकार को गिराने का ‘‘गंदा काम'' किया जिसने सत्ता में रहते हुए कोविड-19 महामारी से निपटने और चक्रवात एवं बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों की कठिनाइयों को दूर करने का अच्छा काम किया था.
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