![राज्य सभा में भूपेंद्र यादव ने किया जेपीसी के अध्यक्ष का बचाव, संसद के इस नियम का दिया हवाला राज्य सभा में भूपेंद्र यादव ने किया जेपीसी के अध्यक्ष का बचाव, संसद के इस नियम का दिया हवाला](https://c.ndtvimg.com/2025-02/i4ou9oc_bhoopendra-yadav_625x300_13_February_25.jpg?downsize=773:435)
राज्यसभा में बृहस्पतिवार को वक्फ संशोधन विधेयक संबंधी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की गई.बीजेपी की मेधा विश्राम कुलकर्णी ने जेपीसी की रिपोर्ट को सदन में पेश किया. इससे सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा शांत नहीं हुआ. विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि जेपीसी की रिपोर्ट में से विपक्ष के सांसदों की असहमतियों को हटा दिया गया है. इस पर केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि कमेटी के अध्यक्ष के पास यह अधिकार है कि वो जिन असहमतियों और टिप्पणियों को असंसदीय समक्षते हैं वो उन्हें कार्यवाही से हटा सकते हैं.
राज्य सभा में विपक्ष का हंगामा
राज्य सभा में बीजेपी की मेधा विश्राम कुलकर्णी ने समिति की रिपोर्ट सदन में पेश की.इसके बाद कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और वामपंथी दल सहित कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया.नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कुछ कहना चाहते थे लेकिन सभापति ने इसकी अनुमति नहीं दी.
Going by rules on the report on Waqf Bill...#RajyaSabha pic.twitter.com/HIhEdCkPps
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) February 13, 2025
राज्य सभा के चेयरमैन ने कहा कि भारत की प्रथम नागरिक और राष्ट्रपति पद पर आसीन पहली आदिवासी महिला का संदेश है यह और इसे सदन में पेश न होने देना उनका अपमान होगा. उन्होंने कहा,''मैं इसकी अनुमति नहीं दूंगा.'' इसके बाद धनखड़ ने हंगामा कर रहे सदस्यों से व्यवस्था बनाए रखने की अपील की और उन पर कार्रवाई की चेतावनी दी. इसके बाद भी हंगामा जारी रहा.इसके बाद उन्होंने 11 बजकर 09 मिनट पर सदन की कार्यवाही 11 बजकर 20 मिनट तक स्थगित कर दी.
कमेटी के अध्यक्ष का क्या अधिकार है
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने हस्तक्षेप किया. उन्होंने कहा कि
सलेक्ट कमेटी का संचालन रूल 72 से लेकर 92 तक से होता है. उन्होंने कहा कि कमेटी के चेयरमैन की पावर को रूल-92 में दिया गया है. उन्होंने कहा कि रूल-92 के सबरूल 7-1 में कहा गया है कि कमेटी के अध्यक्ष के पास यह अधिकार है कि वो उन टिप्पणियों और असहमतियों को मिनट्स से हटाने का आदेश दे सकता है, जिन्हें वह असंसदीय समझता है. उन्होंने विपक्षी सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये नियम आपके समय के ही बने हुए हैं.
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट जब सदन में आए उस पर विपक्ष के सदस्य चर्चा कर सकते हैं, लेकिन यह विपक्ष के सदस्य यह नहीं कह सकते हैं कि चेयरमैन ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा कि चेयरमैन ने नियमों पर काम किया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष जो मुद्दा उठा रहा है वह गलत और तथ्यहीन है. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट को रूल के हिसाब से तैयार किया गया है.
ये भी पढ़ें: CM योगी का डीप फेक वीडियो बनाने पर लखनऊ में दर्ज की गई FIR
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं