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This Article is From Dec 08, 2020

'ब्लड डोनेशन कैंप और 10 साल की बच्ची की कविता' - 'भारत बंद' पर किसानों ने ऐसे दिया मजबूत संदेश

Farmers' Protests : टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने भारत बंद के अपने आह्वान के बीच एक रक्तदान का कैंप लगवाया था, जहां उन्होंने रक्त दान किया. ब्लड डोनेशन कैंप, खालसा एड फाउंडेशन की ओर से लगाया गया है. ऐसे ही कई अनोखे तरीकों से किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर अपना विरोध जताया है.

Bharat Bandh Today : 10 साल की जसकीरत कौर ने प्रदर्शनस्थल पर पढ़ी कविता.

नई दिल्ली:

Bharat Bandh Today : 'शांतिपूर्ण' भारत बंद के बीच किसानों ने दिल्ली के टिकरी सीमा पर एक अनोखे तरीके से अपने आंदोलन (Farmers' Protests) को लेकर एक मजबूत संदेश दिया है. किसानों ने यहां पर भारत बंद के अपने आह्वान के बीच एक रक्तदान का कैंप (Blood Donation Camp) लगवाया था, जहां उन्होंने रक्त दान किया. किसानों ने पहले ही सख्त तौर पर कह दिया था कि इस प्रदर्शन में विपक्षी पार्टियों के समर्थन का स्वागत है लेकिन वो अपना झंडा-बैनर इससे दूर रखें.

हरियाणा के रोहतक से आने वाले सुरेंद्र दलाल नाम के किसान ने कहा कि 'हम किसान हैं और हम अपने देश के लिए अपना खून-पसीना देते हैं. लेकिन हमें अलगाववादी और राष्ट्रद्रोही जैसी चीजें बुलाई गई हैं. हम देश के लिए खून का आखिरी कतरा भी दे देंगे लेकिन इन कानूनों को स्वीकार नहीं करेंगे.'

यहां पर ब्लड डोनेशन कैंप, खालसा एड फाउंडेशन की ओर से लगाया गया है. ऐसे ही कई अनोखे तरीकों से किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर अपना विरोध जताया है. टिकरी पर हजारों की संख्या में किसान धरने पर बैठे हुए हैं.

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इस अभियान में उनके साथ महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. इनमें से एक 10 साल की बच्ची है जसकीरत कौर, जो पंजाब के अपने गांव श्री मुक्तसर साहिब से 350 किलोमीटर दूर दिल्ली अपने दादाजी 62 साल के दीवान सिंह के साथ आई है. जसकीरत ने यहां पर सबके सामने पंजाबी में एक कविता पढ़ी, जिसका मतलब कुछ-कुछ यूं है- 'जिस तरह पक्षी अपने घोंसलों में सुरक्षित थे, उसी तरह पंजाबी किसान अपने खेतों में सुरक्षित थे. लेकिन सरकार उन्हें आपस में लड़ाने की कोशिश कर रही है. वो देश को बेच रहे हैं लेकिन सबसे बड़ी शक्ति ऊपर वाला है और वो यह तय करेगा कि हम इस लड़ाई में जीतें.'

जसकीरत को सुन रहे लोगों ने कविता खत्म होने के बाद खूब तालियां बजाईं. यहां पर पूरा वक्त सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, वो भी रायट गियर में. यहां पर बैरिकेडिंग, आंसू गैस के गन्स और वॉटर कैनन वगैरह का इंतजाम किया गया है.

पिछले 12 दिनों से टिकरी की सीमा पर किसान जमे हुए हैं. यहां पर वो राशन और खाना बनाने की व्यवस्था करके आए हैं. वो केंद्र की ओर से लाए गए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं क्योंकि उनको डर है कि इस कानून से उनकी आय कम हो जाएगी, वहीं वो कॉरपोरेट कंपनियों के मोहताज हो जाएंगे. उनका कहना है कि वो तब तक वापस नहीं जाएंगे, जब तक कि इन कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाता. प्रदर्शनस्थल अब कई किलोमीटर में फैला हुआ है और अब इसको ड्रोन से सर्विलांस किया जा रहा है.

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