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This Article is From Mar 30, 2023

भारत की संप्रभुता के खिलाफ आभासी युद्ध से सतर्क रहें : जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- पक्षपातपूर्ण रुख और व्यक्तिगत चिंताओं के आधार पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का मुकाबला किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण

भारत की संप्रभुता के खिलाफ आभासी युद्ध से सतर्क रहें : जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को वैश्विक स्तर पर सुनियोजित तरीके से भारत की अखंडता के खिलाफ ‘‘आभासी युद्ध'' को लेकर आगाह किया. नेटवर्क 18 के ‘राइजिंग इंडिया समिट' को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पक्षपातपूर्ण रुख और व्यक्तिगत चिंताओं के आधार पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का मुकाबला किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे को राजनीतिक चश्मे से कैसे देखा जा सकता है.

उन्होंने विपक्षी नेताओं के आरोपों की पृष्ठभूमि में यह टिप्पणी की है, जिन्होंने कहा है कि सरकार केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर उन्हें निशाना बना रही है.

उपराष्ट्रपति ने आगाह किया, लोगों को 'देश के भीतर और बाहर काम करने वाली वैश्विक मशीनरी' द्वारा सुनियोजित तरीके से 'भारत की अखंडता के खिलाफ आभासी युद्ध' के बारे में जागरूक होने की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि भारत के विकास पथ में व्यवधान पैदा करने, लोकतांत्रिक व्यवस्था की छवि खराब करने और राष्ट्र की उपलब्धियों पर पानी फेरने के लिए देश के अंदर और बाहर कुछ ताकतें काम कर रही हैं.

उन्होंने मौजूदा बजट सत्र के दौरान दोनों सदनों की कार्यवाही में लगातार व्यवधान के बीच कहा कि संसद में अव्यवस्था सामान्य बात हो गई है. उन्होंने यह भी कहा कि गतिशील लोकतंत्र में ऐसा कभी नहीं होता कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के बीच कोई मुद्दा न हो.

धनखड़ ने कहा, 'मुद्दे होना तय है. सहयोगी रुख अपनाकर इन्हें हल करने की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि संसद में अव्यवस्था सामान्य बात हो गई है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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