बेंगलुरु में मनमाना किराया मांगने वाले ऑटो रिक्शा ड्राइवरों को पकड़ा गया.
बेंगलुरु:
ऑटो और कैब बेंगलुरु शहर की जान माने जाते हैं क्योंकि यहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट का हाल बदहाल है. एक करोड़ 25 लाख की आबादी वाले इस शहर में 1800 सरकारी बेस और लगभग 46 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन है. ऐसे में लोगों को परिवहन के लिए या तो निजी गाड़ी पर निर्भर रहना होता है या फिर ऑटो और कैब पर. इसका फायदा ऑटो और कैब वाले खूब उठाते हैं. मनमाना किराया वसूलना आम बात है.
ऐसे में हर रोज बाड़ी तादाद में इन मनमानियों की शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम तक पहुंचती हैं. बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी अभिषेक गोयल ने बताया कि "लगभग 60 ट्रेनी पुलिस सब इंस्पेक्टरों को ग्राहक के तौर पर भेजा गया. इनको ट्रैफिक पुलिस कवर कर रही थी जिसने इशारा मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी."
दरअसल ऑटो और कैब वाले सादे वेश में खड़े पुलिस वालों को पहचान नहीं सके और या तो ज्यादा किराया मांगा या फिर जाने से इनकार किया. सिर्फ गुरुवार को ही ट्रैफिक पुलिस ने 13578 ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामले दर्ज किए. 266 ऐसे ड्राइवरों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई जिनके पास लाइसेंस नहीं थे.
इससे पहले 31 दिसंबर की रात नशे की हालत में गाड़ी चलाने के आरोप में 1300 चालान किए गए थे जो कि एक रिकॉर्ड है. एक करोड़ 25 लाख की आबादी वाले इस शहर में 68 लाख रजिस्टर्ड गाड़ियां हैं.
ऐसे में हर रोज बाड़ी तादाद में इन मनमानियों की शिकायत पुलिस कंट्रोल रूम तक पहुंचती हैं. बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस के डीसीपी अभिषेक गोयल ने बताया कि "लगभग 60 ट्रेनी पुलिस सब इंस्पेक्टरों को ग्राहक के तौर पर भेजा गया. इनको ट्रैफिक पुलिस कवर कर रही थी जिसने इशारा मिलते ही कार्रवाई शुरू कर दी."
दरअसल ऑटो और कैब वाले सादे वेश में खड़े पुलिस वालों को पहचान नहीं सके और या तो ज्यादा किराया मांगा या फिर जाने से इनकार किया. सिर्फ गुरुवार को ही ट्रैफिक पुलिस ने 13578 ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामले दर्ज किए. 266 ऐसे ड्राइवरों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई जिनके पास लाइसेंस नहीं थे.
इससे पहले 31 दिसंबर की रात नशे की हालत में गाड़ी चलाने के आरोप में 1300 चालान किए गए थे जो कि एक रिकॉर्ड है. एक करोड़ 25 लाख की आबादी वाले इस शहर में 68 लाख रजिस्टर्ड गाड़ियां हैं.