आगामी लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को केंद्र की सत्ता से बाहर करने के उद्देश्य से देश के प्रमुख विपक्षी दलों के शीर्ष नेता शुक्रवार को पटना में मंथन करेंगे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ एक मजबूत विपक्षी मोर्चा के गठन की रणनीति बनाएंगे. इस बैठक से पहले NDTV से एक खास बातचीत में जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का काम बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया है.
केसी त्यागी ने थर्ड फ्रंट को फर्स्ट फ्रंट बताते हुए कहा, "नीतीश कुमार ने सबसे पहला काम यह किया है कि उन्होंने यह बताया, बिना कांग्रेस के कोई सार्थक विपक्ष नहीं हो सकता है. कई पार्टियों को लगता है कि कांग्रेस के बिना लोकसभा चुनाव में एनडीए को कड़ी टक्कर दी जा सकती है. नीतीश कुमार ने थर्ड फ्रंट को फर्स्ट फ्रंट में परिवर्तित कर दिया."
जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि नीतीश कुमार 23 जून की बैठक के लिए जिन राजनीतिक दलों के नेताओं और अध्यक्षों को एकजुट कर एक मंच पर लाए हैं, वो करीब 450 सीटों पर अपना प्रभाव डालते हैं. यहां नीतीश कुमार का 'वन अगेंस्ट वन' का फॉर्मूला बेहद प्रभावी होगी. अगर इस फॉर्मूले पर चलने के लिए सभी विपक्षी दल तैयार हो जाते हैं, तो चुनाव परिणामों में काफी अंतर देखने को मिल सकता है.
केसी त्यागी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन की धुरी बताया. उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार समन्वय का काम कर रहे हैं. बैठक में शामिल होने वाली आधा दर्जन पार्टी ऐसी हैं, जो कांग्रेस पार्टी से दूरी बनाए हुए थीं. वहीं, कांग्रेस पार्टी मानती थी कि इन पार्टियों ने ही उसका पॉलिटिकल प्लेस छीना है. कांग्रेस और इन पार्टियों के बीच नीतीश कुमार ने ही एक धुरी का काम किया है."
नीतीश कुमार की तुलना केसी त्यागी ने जॉर्ज फर्नांडिस से करते हुए कहा, "हम लोगों ने ऐसी ना कोई मांग की है और ना ही हम ऐसी कोई अपेक्षा रखते हैं, लेकिन भारत की राजनीति में जो भूमिका कभी जॉर्ज फर्नांडिस की एनडीए बनाने में थी या हरकिशन सिंह सुरजीत की यूनाइटेड फ्रंट को बनाने मैं थी, लगभग आज वैसी ही भूमिका नीतीश कुमार की है और इस पर हम बहुत गर्व भी करते हैं."
ये विपक्षी दल बैठक में हो रहे शामिल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी के नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के विपक्षी दलों की होने वाली इस पहली उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेने की उम्मीद है.
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