बाबा सिद्दीकी की हत्या (Baba Siddique Murder) के पीछे सिर्फ सलमान खान से नजदीकी वजह नहीं हो सकती है. उनके किरदार और इतिहास को करीब से देख-समझ और पड़ताल कर चुके रिटायर्ड पुलिस अफसर और वरिष्ठ पत्रकार ये दावा करते हैं. मुंबई में स्लम के पुनर्विकास के लिए SRA स्कीम का बड़ा रोल माना जा रहा है. बाबा सिद्दीकी खुद भी बतौर डेवलपर अपना कारोबार तेजी से फैला रहे थे. बताया जाता है कि उन्हें धमकी भरे करीब 40 कॉल आये थे, लेकिन उन्होंने शिकायत नहीं की थी.
बांद्रा, आर्थिक राजधानी मुंबई का सबसे महंगा और आवासीय संपत्तियों में निवेश के लिए सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है. करीब एक दशक में ही यहां की कीमतें 300 फीसदी से ज्यादा उछली हैं. पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पीके जैन बताते हैं कि बांद्रा-खार के इस बेल्ट में हाई प्रोफाइल राजनेता बाबा सिद्दीकी की इजाजत के बिना रियल एस्टेट का कोई भी प्रोजेक्ट आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं रखता था.
सलमान की दोस्ती के कारण हत्या संभव नहीं : जैन
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रहे पीके जैन ने कहा कि बाबा सिद्दीकी को सलमान खान की दोस्ती के कारण मारा गया, यह संभव नहीं है. उनके बहुत सारे पावरफुल दोस्त थे. साथ ही बाबा तीन बार विधायक और एक बार राज्यमंत्री रहे थे तो राजनीतिक रूप से 48 साल में उनका इतना बड़ा कद नहीं था कि सियासी एंगल से कोई उनकी हत्या करे.
उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक बाबा सिद्दीकी रिडेवेलपेमेंट के प्रोजेक्ट लेते थे. SRA का जो एंगल है, वो हत्या का कारण हो सकता है. बांद्रा ईस्ट में जहां SRA का बहुत बड़ा काम है और बड़े डेवलपर्स घुसे हुए हैं. उसमें एक प्रोजेक्ट है, जिसमें 3000 करोड़ का मामला चल रहा है, वह विवाद में है. उस इलाके में बाबा की इजाजत या सहयोग के बिना कोई प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सकता.
बाबा पर पद के दुरुपयोग के लगे थे गंभीर आरोप
झुग्गी पुनर्वास योजना यानी SRA मुंबई की आवास चुनौतियों से निपटने के लिए बड़े मॉडल के रूप में कार्य करती है. इसमें बाबा के दबदबे का खूब दखल रहा. SRA से ही जुड़े करीब 3000 करोड़ के एक प्रोजेक्ट को लेकर विवाद से वो परेशान थे. लंबे समय से अंडरवर्ल्ड और मुंबई क्राइम को कवर कर चुके वरिष्ठ पत्रकार बालाकृष्णन बाबा से जुड़े पुराने कई विवादित लिंक जाहिर करते हैं. हत्याकांड के पीछे अब बाबा के किरदार के पूरे इतिहास को टटोला जा रहा है.
बालाकृष्णन ने कहा कि बाबा सिद्दीकी के खिलाफ ऐसे लिंक की भले ही औपचारिक रूप से शिकायत न की गई हो, लेकिन डिप्टी कमिश्नर अरूप पटनायक ने जब सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी का पीछा किया था तो पता लगा कि गाड़ी में ड्रग माफिया फिल्लू खान है. उसे पकड़ा गया तो बाबा सिद्दीकी का नाम उभर कर आया था. बालाकृष्णन ने कहा कि अरूप पटनायक ने इस बात को कंफर्म किया है.
बांद्रा से तीन बार विधायक और एक बार राज्यमंत्री रहने के अलावा बाबा सिद्दीकी 2000 से 2004 तक महाराष्ट्र हाउसिंग एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष रहे थे. इस दौरान उन पर पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगे थे कि उन्होंने एक कंपनी को फायदा पहुंचाने की कोशिश की. शक जताया गया कि स्लम घोटाले में जिस कंपनी का नाम आया था, वो बाबा सिद्दीकी की ही मुखौटा कंपनी थी. वहीं एक कार्रवाई में ईडी ने 462 करोड़ रुपये की उनकी संपत्ति को अटैच कर लिया था.
बांद्रा ईस्ट में भी होने वाला था बड़ा विरोध प्रदर्शन
पिछले 6-8 महीनों से सिद्दीकी और उनके विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में दो झुग्गी पुनर्विकास परियोजनाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. अगस्त में जीशान ने सरकारी अधिकारियों को झुग्गी बस्ती का सर्वेक्षण करने से रोका था और विरोध प्रदर्शन भी किया था. साथ ही आने वाले समय में बांद्रा ईस्ट में भी बड़ा विरोध प्रदर्शन करने वाले थे.
पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पीके जैन ने कहा कि SRA प्रोजेक्ट में बहुत बड़ी संख्या ऐसे लोगों की है, जो बांग्लादेशी या रोहिंग्या हैं, जो अपात्र हैं और यहां घर नहीं पा सकते हैं. उनके लिए स्थानीय प्रतिनिधि के तौर पर बाबा सिद्दीकी काम करते थे. दूसरी बात ये है कि जब वह म्हाडा के चेयरमैन थे, तब एक प्रोजेक्ट में घोटाले का आरोप लगा था और ED ने उनकी 400 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी जब्त कर रखी है. ED आज भी आरोपों पर कायम है, SRA को शिकायत दर्ज करने के लिए कहा गया, जिससे ED की जांच आगे बढ़ा सके. हालांकि आज तक शिकायत नहीं हुई. 3000 करोड़ प्रोजेक्ट को लेकर विवाद चल रहा है, सामने वाला व्यक्ति बहुत पावरफुल है और उसके बड़े राजनीतिक कनेक्शंस हैं. यह जांच का विषय है.
बाबा को धमकियां मिलीं, लेकिन नहीं की थी शिकायत
बाबा सिद्दीकी हाल के कुछ सालों में बतौर स्वतंत्र डेवलपर अपना कारोबार फैला रहे थे. बताया जाता है कि बीते कुछ समय में उन्हें कई गंभीर धमकियां मिलीं थीं, लेकिन बाबा सिद्दीकी की ओर से अधिकारिक तौर पर शिकायत दर्ज नहीं कराई गई. सवाल इसे लेकर भी उठ रहे हैं.
बालाकृष्णन ने कहा कि मेरे पास जानकारी है कि दो बिजनेसमैन जो कभी बाबा के बहुत करीब थे, उनके साथ पैसों को लेकर कुछ मतभेद सामने आए थे और बाबा पैसे नहीं दे रहे थे. आरोप है कि पाकिस्तान में दाऊद ने यह काम छोटा शकील को सौंपा था और शकील ने बाबा को समझाने की कोशिश की थी. बाद में धमकी पर उतर आए थे और फिर शकील ने करीब 40-50 कॉल किए थे.
उन्होंने कहा कि दिल्ली को सूचना मिली थी कि पाकिस्तान से बाबा के नंबर पर लगातार कॉल आ रहे हैं. बाबा को गृह विभाग में बुलाया गया और पूछा गया था कि उन्हें धमकी के इतने कॉल क्यों आ रहे हैं और आपकी जान को खतरा है तो आप इसकी शिकायत क्यों नहीं करते हैं. बाबा ने साफ मना कर दिया था कि दाउद गैंग के खिलाफ वो शिकायत नहीं करना चाहते हैं. अब यह खौफ था या इसके पीछे कोई और वजह हो सकती है, यह जांच का विषय है.
बाबा सिद्दीकी के इतिहास और किरदार को करीब से समझ चुके लोग मानने को तैयार नहीं हैं कि हत्याकांड के पीछे सिर्फ सलमान खान से नजदीकी ही वजह है. पुलिस की जांच में हो सकता है कि इस मर्डर मिस्ट्री के पीछे रियल एस्टेट के बड़े खेल का पर्दाफाश हो.
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