महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर मुंबई पुलिस ने अपनी 4590 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है. पुलिस ने अपनी इस चार्जशीट में कई चौकाने वाले खुलासे किए हैं.चार्जशीट के मुताबिक 12 अक्टूबर 2024 की रात गुरमेल सिंह, धर्मराज कश्यप, और शिवकुमार गौतम ने बाबा सिद्धीकी पर गोलियां चलाई और वहां से भागने की कोशिश की थी. बाद में गुरमेल सिंह और धर्मराज कश्यप पकड़े गए थे जबकि उनका साथी शिवकुमार गौतम भागने में कामयाब हो गए थे. हालांकि, शिवकुमार गौतम को कुछ दिनों के बाद उत्तर प्रदेश के बहराइच से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के अनुसार आरोपी शिवकुमार नेपाल भागने की फिराक में था.
दो महीने तक की गई थी रेकी
पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि आरोपियों ने इस हत्याकांड को अंजाम देने से पहले दो महीने तक बाबा सिद्दिकी की रेकी की थी. पुलिस की जांच में पता चला है कि बाबा सिद्दिकी पर फायरिंग से पहले तीनों शूटर्स ने 3 से 4 बार बाबा सिद्दीकी के घर आए और साथ ही साथ उनके कार्यालय की रेकी भी की थी. रेकी करने के दौरान ये आरोपी अपने साथ एक बैग रखते थे जिसमें पिस्टल और लाइव बुलेट्स होती थी. वो चाहते थे कि उन्हें जैसे ही मौका मिले वैसे ही बाबा सिद्दिकी पर हमाल कर दें.
अगर 12 अक्टूबर को मिलती नाकामी तो छोड़ देते आरोपी ये प्लान
पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपियों से पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि अगर आरोपी 12 अक्टूबर के दिन बाबा सिद्दिकी को नहीं मार पाते तो आरोपी बाबा सिद्दिकी को मारने का प्लान ही छोड़ देते. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वह इतने दिनों से बाबा सिद्दिकी की रेकी करके निराश हो चुके थे. अगर उस दिन उन्हें बाबा सिद्दिकी पर हमाल करने का मौका नहीं मिलता तो इस प्लान को ड्रॉप करने वाले थे.
पुलिस से बचने के लिए करने वाले थे पेपर स्प्रे
पुलिस की चार्जशीट में दावा किया गया है आरोपी इस घटना को अंजाम देने बाद पुलिस के हत्थे चढ़ने से बच सकें इसके लिए उन्होंने अपने पास पेपर स्प्रे रखा हुआ था. उनकी योजना थी कि अगर कोई उनको पकड़ने की कोशिश करता है तो वो उनकी आंखों में पेपर स्प्रे करके मौके से फरार होने की कोशिश करेंगे.आरोपियों ने 12 से 13 हजार रुपये पेपर स्प्रे पर खर्च किए थे. बाबा सिद्दिकी पर हमला करने वाले गुरमेल सिंह ने तो पुलिस पर पेपर स्प्रे का इस्तेमाल भी किया था.
झारखंड में दी गई थी हथियार चलाने की ट्रेनिंग
सूत्रों के अनुसार मुंबई पुलिस की चार्जशीट में दावा किया गया है कि बाबा सिद्दिकी की हत्या से पहले आरोपियों को झारखंड ले जाकर हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी. चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपियों को एके 47 दिया गया था. और उन्होंने इसी से निशाना लगाना सीखा था. पुलिस के अनुसार तीनों आरोपी आरोपी पुणे-हटिया एक्सप्रेस ट्रेन से 28 जुलाई को पुणे से निकले थे और दूसरे दिन 29 जुलाई को झारखंड के हटिया स्टेशन पहुचे थे. वहां स्टेशन से वे सभी करीबन 25-30 किलोमीटर तक गए, उसके बाद वहां उन सब का मोबाइल फ़ोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान रखवा लिया गया. उस जगह पर उनके आंखों पर पट्टी बांधी गई और उन्हें करीबन दो से ढाई घंटों तक गाड़ी से ले जाया गया और फिर उनकी आंख की पट्टी खोली गई.
इसके बाद उनसे फायरिंग की प्रैक्टिस कराई गई इसके बाद वापस से उनकी आंखों में पट्टी बांधी गई और उसी जगह दो से ढाई घंटों तक गाड़ी चलाकर लाया गय. जहां उन सबका मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट रखवाया गया था. इन्हें इनका सामान लौटाया गया और फिर वहां से 25-30 किलोमीटर दूर स्टेशन पहुचाया गया.जिस जगह पर इन सभी की फायरिंग प्रैक्टिस करवाई गई थी ये इलाका नक्सल प्रभावित माना जाता है ऐसे में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शूटर्स का नक्सलियों से भी कनेक्शन था का इसकी जांच की जा रही है.
ऐसे खुला था खेल
बाबा सिद्धीकी की हत्या की साज़िश में शामिल होने के आरोप में पुणे से गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों रुपेश मोहोल और गौरव अपुने ने फरार आरोपी शुभम लोनकर के साथ मिलकर पूर्व पुलिस अधिकारी के बेटे की हत्या की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन क्राइम ब्रांच ने उसके पहले उन्हें बाबा की हत्या में मामले में गिरफ्तार कर लिया.क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक आरोपी मोहोल और अपुने पूर्व अधिकारी के बेटे को इसलिए मारना चाहते थे क्योंकि उन्हें यह शक था कि सितम्बर 2024 में पुणे के उत्तम नगर इलाके में हुए उनके खास दोस्त जयदीप ज्ञानेश्वर भोंडकर की हत्या की साज़िश में वह शामिल था. उसी साजिश में उसने गिरफ्तार आरोपी अमित सुदाम गुर्जर की मदद की थी.
इस खुलासे के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस इनपुट को पुणे की उत्तम नगर पुलिस के साथ शेयर किया है, ताकि सुरक्षा मुहैया कराई जा सके। इस खुलासे का जिक्र क्राइम ब्रांच द्वारा दायर चार्जशीट में किया गया है.मुंबई क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक, जयदीप भोंडकर की हत्या सितम्बर 2024 को आरोपी गुर्जर ने कोयते से वार करके कर दी थी. दोनों एक दूसरे को पहचानते थे और एक दूसरे से मजाक करने के दौरान हुए आपसी विवाद के चलते गुर्जर ने भोंडकर को मार दिया था.आरोपी गुर्जर ने दोस्त की मदद करने के बहाने भोंडकर को उसके घर के बाहर बुलाया था और उसकी हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद भोंडकर के दोस्त मोहोल और अपुने को लगता था कि इसमें पूर्व पुलिस अधिकारी के बेटे ने आरोपी की न सिर्फ मदद की है, बल्कि साज़िश रचने में भी अहम् भूमिका निभाई थी.
कबूला अपना अपराध
क्राइम ब्रांच सूत्रों के अनुसार बाबा की हत्या के मामले में दर्ज बयान में दोनों आरोपियों ने पूर्व पुलिस अधिकारी के बेटे की हत्या की योजना बनाने की बात को कबूला भी ह. उन्होंने अपने बयान में बताया है कि उन्होंने शुभम की मदद से हथियार प्राप्त किये थे और उसी हथियार से पूर्व अधिकारी के बेटे की हत्या को अंजाम भी देने वाले थे.क्राइम ब्रांच ने जांच के दौरान दोनों आरोपियों के पास से दो हथियार और कई राउंड गोलियां बरामद की थी,जिसका इस्तेमाल हत्या करने के लिए किया जाना था. दोनों आरोपियों ने बयान में यह भी कहा है कि हत्या को अंजाम देने से पहले उन्होंने और उनकी गैंग में शामिल उनके साथियों ने हथियारों से फायरिंग की प्रैक्टिस खड़कवासला डैम के पास किया था.
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