केंद्र सरकार ने मंगलवार को बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान मिले अनुभवों के आधार पर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में खामियों को दूर करने के लिए इस साल 25 अक्टूबर को प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन शुरू किया गया. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन का उद्देश्य प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की क्षमता का विकास, वर्तमान राष्ट्रीय संस्थानों को मजबूत बनाना और नए संस्थानों की स्थापना है ताकि नयी और उभरती बीमारियों का पता लगाया जा सके और उनका इलाज किया जा सके.
पवार ने बताया कि प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के अलावा, सरकार ने 27 सितंबर को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन भी शुरू किया जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल तक नागरिकों की पहुंच को आसान बनाना, गुणवत्तापूर्ण इलाज मुहैया कराना और इलाज की, जरूरत पूरी होने तक निरंतरता बनाए रखना है.
सभी के लिए अनिवार्य स्वास्थ्य कवरेज सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देते हुए, पवार ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) मुफ्त, व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की उपलब्धता और प्रजनन, माता, बच्चे और किशोरों के स्वास्थ्य संबंधी सभी पहलुओं के लिए देखभाल की निरंतरता सुनिश्चित करके सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की वकालत करती है.
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