प्रतीकात्मक फोटो
लखनऊ:
विश्व हिंदू परिषद (व्हीएचपी) ने अयोध्या में विवादित स्थान पर रामलला की मूर्ति पर हीटर लगाने और गर्म कपड़े पहनाने की मांग सरकार से की है. व्हीएचपी का कहना है कि भगवान को जाड़े में ठंड लग रही है..लेकिन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का वहां यथास्थिति का ऑर्डर है इसलिए वहां कोई बदलाव नहीं हो सकता. यही नहीं वहां मूर्तियां 70 साल से हैं…70 साल बाद मूर्तियों को ठंड लगने का मुद्दा क्यों उठा?
अयोध्या में व्हीएचपी ने अब यह नया मुद्दा छेड़ा है. उसका कहना है कि जाड़े में रामलला को ठंड लग रही है…इसलिए उनकी मूर्ति पर हीटर या अंगीठी लगाई जाए और उन्हें गर्म कपड़े पहनाए जाएं. विहिप ने विवादित स्थान पर केन्द्र सरकार के रिसीवर और फ़ैज़ाबाद के कमिश्नर से यह लिखित मांग की है. विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने एनडीटीवी से कहा कि ”तापमान काफी गिर गया है और ठंड काफी बढ़ गई है. ऐसे में रामलला के लिए फौरन हीटर जलाया जाए ताकि रामलला जहां विराजमान हैं उस स्थान को गर्म रखा जा सके. इसके साथ ही भगवान श्री राम के लिए गर्म वस्त्र का इंतजाम किया जाए.”
यह भी पढ़ें : अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 8 फरवरी तक टली सुनवाई , सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा- 2019 के आम चुनाव के बाद हो सुनवाई
राम जन्मभूमि के पुजारी सत्येंद्र दास को लगता है कि अंगीठी या हीटर से आग लगने का खतरा है इसलिए वहां ब्लोअर या आइल फिल्ड रेडिएटर रूम हीटर जैसी की चीज चलाई जाए. लेकिन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का कहना है कि 1993 में एक कानून बना था जिसे सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने भी एप्रूव किया है कि विवादित स्थान पर 7 जनवरी 1993 को जो स्थिति थी, वह बरकरार रखी जाएगी. इसलिए सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के बिना वहां कुछ नहीं किया जा सकता.
VIDEO : विवाद पर अंतिम बहस 8 फरवरी से
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील ज़फ़रयाब जिलानी कहते हैं कि ”मूर्तियां तो वहां 1949 में रख दी गई थीं. इन 70 सालों में 70 जाड़े गुजर गए और मूर्ति को ठंड नहीं लगी. सत्तर साल बाद ठंड क्यों लग रही है? इसमें जरूर व्हीएचपी की कोई चाल है. शुरू में उन्होंने कहा था कि मूर्ति को भोग लगाने की इजाजत दी जाए, क्योंकि बिना भोग के मूर्ति जीवित नहीं रह सकती, तो इसे उनकी आस्था समझ के हमने इसका कोई विरोध नहीं किया. लेकिन अब 70 साल बाद बता रहे हैं कि मूर्ति को जाड़ा लग रहा है यो यह कोई चाल है.”
अयोध्या में व्हीएचपी ने अब यह नया मुद्दा छेड़ा है. उसका कहना है कि जाड़े में रामलला को ठंड लग रही है…इसलिए उनकी मूर्ति पर हीटर या अंगीठी लगाई जाए और उन्हें गर्म कपड़े पहनाए जाएं. विहिप ने विवादित स्थान पर केन्द्र सरकार के रिसीवर और फ़ैज़ाबाद के कमिश्नर से यह लिखित मांग की है. विहिप के प्रवक्ता शरद शर्मा ने एनडीटीवी से कहा कि ”तापमान काफी गिर गया है और ठंड काफी बढ़ गई है. ऐसे में रामलला के लिए फौरन हीटर जलाया जाए ताकि रामलला जहां विराजमान हैं उस स्थान को गर्म रखा जा सके. इसके साथ ही भगवान श्री राम के लिए गर्म वस्त्र का इंतजाम किया जाए.”
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राम जन्मभूमि के पुजारी सत्येंद्र दास को लगता है कि अंगीठी या हीटर से आग लगने का खतरा है इसलिए वहां ब्लोअर या आइल फिल्ड रेडिएटर रूम हीटर जैसी की चीज चलाई जाए. लेकिन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड का कहना है कि 1993 में एक कानून बना था जिसे सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने भी एप्रूव किया है कि विवादित स्थान पर 7 जनवरी 1993 को जो स्थिति थी, वह बरकरार रखी जाएगी. इसलिए सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के बिना वहां कुछ नहीं किया जा सकता.
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सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकील ज़फ़रयाब जिलानी कहते हैं कि ”मूर्तियां तो वहां 1949 में रख दी गई थीं. इन 70 सालों में 70 जाड़े गुजर गए और मूर्ति को ठंड नहीं लगी. सत्तर साल बाद ठंड क्यों लग रही है? इसमें जरूर व्हीएचपी की कोई चाल है. शुरू में उन्होंने कहा था कि मूर्ति को भोग लगाने की इजाजत दी जाए, क्योंकि बिना भोग के मूर्ति जीवित नहीं रह सकती, तो इसे उनकी आस्था समझ के हमने इसका कोई विरोध नहीं किया. लेकिन अब 70 साल बाद बता रहे हैं कि मूर्ति को जाड़ा लग रहा है यो यह कोई चाल है.”
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