पिछले कुछ दिनों से दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर भीड़ की शिकायतें आ रही हैं (Delhi Airport Terminal 3 Overcrowding). सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने भीड़ के चलते हुई देरी और नुकसान की जानकारी शेयर की है. समय से पहुंचने के बाद भी कई यात्रियों ने फ्लाइट मिस कर दी. तो कुछ यात्रियों को एक्सट्रा पैसे भी देने पड़े. सोमवार, 12 दिसंबर को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी एयरपोर्ट पहुंचे. अब सरकार ने इसपर बयान दिया है. सरकार ने एक बयान में कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर भारी भीड़ इसलिए हो गई, क्योंकि कई चेक इन काउंटर्स पर स्टाफ नहीं थे. ड्यूटी के समय कई स्टाफ अपनी सीट पर नहीं थे. जिस वजह से चेक-इन प्रोसेस में देरी होने लगी और भीड़ जमा हो गई.'
दिल्ली एयरपोर्ट देश का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है. यहां से हर दिन 1,100 से अधिक उड़ानों का संचालन होता है. इस एयरपोर्ट के तीन टर्मिनलों में T-3 सबसे अधिक व्यस्त है. पहले दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने एक बयान में कहा, ‘फिलहाल हम उड़ानों की संख्या और कम करने के लिए काम कर रहे हैं. हम एयरलाइंस के संपर्क में हैं और कई फ्लाइट्स पर काम कर रहे हैं जिन्हें T-1 और T-2 शिफ्ट किया जा सकता है.'
रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू यात्रियों की संख्या कोरोना महामारी से पहले के स्तर के करीब पहुंच गई है. पिछले कुछ समय से दिल्ली एयरपोर्ट पर भारी भीड़ देखी जा रही है. उड़ानों की लैंडिंग और टेकऑफ से पहले लोगों को टिकट काउंटर से लेकर बैगेज और सुरक्षा कांउटरों पर घंटों कतारों में खड़ा रहना पड़ रहा है.
भीड़भाड़ के प्रमुख कारणों में से एक है एंट्री गेट पर कर्मचारियों की कमी और खराब मैनेजमेंट. एंट्री गेट पर अनिवार्य आईडी जांच और टिकट जांच की जाती है, जहां यात्रियों को हवाई अड्डे के अंदर जाने के लिए लंबी-लंबी लाइनों में इंतजार करना पड़ता है. हालांकि, इन जगहों पर अतिरिक्त स्टाफ लगाने की योजना है, फिर भी पीक आवर के दौरान लगातार लंबी कतारें अव्यवस्था का कारण बनती हैं, जिसके चलते कई यात्रियों की फ्लाइट छूट जाती है.
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