पलक्कड़ (केरल): केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने हिंदी पट्टी के तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को जीत की ओर बढ़ता देख रविवार को कहा कि भाजपा को हराने के लिए अकेले चुनाव लड़ने के कांग्रेस के निर्णय के कारण ये परिणाम सामने आए हैं. विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया' के घटक दल माकपा ने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस में ‘अंदरूनी कलह', ‘सत्ता की भूख' और उसके कुछ नेताओं के ‘भाजपा के गुप्त एजेंट' के रूप में काम करने के कारण राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों के नतीजे प्रभावित हुए.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने यहां नव केरल सदास कार्यक्रम में एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब उन तीन राज्यों में भाजपा जैसे दुश्मन से सामना होना था, तो जितना संभव हो सकता था संयुक्त मोर्चा बनाना चाहिए था. विजयन ने कहा, 'ऐसा करने के बजाय, कांग्रेस ने सोचा कि वह पहले ही जीत चुकी है, वह एक बड़ी शक्ति है और उसे कोई नहीं हरा सकता. यही सोच उसे वर्तमान पतन की ओर ले गई.'
उन्होंने कहा कि उन राज्यों में चुनावों की घोषणा के बाद, सभी गणनाओं से संकेत मिला था कि लोग नहीं चाहते कि भाजपा वहां सत्ता में आए और भगवा पार्टी के लिए एक बड़ा झटका सुनिश्चित करना संभव था. विजयन ने कहा हालांकि कांग्रेस सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करने के लिए तैयार नहीं थी और इस रुख के परिणामस्वरूप वर्तमान स्थिति उत्पन्न हुई.
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस के नेता कमलनाथ ने सांप्रदायिक कृत्यों का विरोध करने के बजाय उनका समर्थन करके मध्य प्रदेश में भाजपा की ‘बी' टीम के रूप में काम किया. उन्होंने कहा, ''यह सोच कि नरम हिंदुत्व रुख अपनाने से उग्र हिंदुत्व को हराने में मदद मिलेगी, एक भ्रम है. (मध्य प्रदेश में) उनका (कांग्रेस) अभियान भाजपा के लिए मददगार रहा. भाजपा वहां अच्छी खासी सीट जीत रही है.' विजयन ने कहा, 'कांग्रेस इस दुर्भाग्य के लिए खुद जिम्मेदार है. उसे यह बात समझने और इससे सबक लेने की जरूरत है.'
ये भी पढें:-
Election Results 2023 Live Updates: MP और राजस्थान के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी को रुझानों में बहुमत
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं