असम के बक्सा जिले के एक गांव से शनिवार सुबह नौ और लाशें बरामद की गईं, जिससे असम के बोडोलैंड प्रशासनिक जिला (बीटीएडीसी) में एनडीएफबी-सोंगबजित के उग्रवादियों की हिंसा के कारण मरने वालों की संख्या 32 तक पहुंच गई।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असम में 'कायराना' आतंकी हमले की आज निंदा की और कहा कि केंद्र कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और शांति बहाली के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। (पढ़ें- असम के हालात पर हैं प्रधानमंत्री की नजर)
इस बीच, मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने अपने मंत्रिमंडल की आपात बैठक की, जिसमें हिंसा की एनआईए से जांच करवाने की मांग की गई। गोगोई ने विपक्ष के इस्तीफे की मांग को ठुकराते हुए कहा कि वह कायर नहीं हैं और उग्रवादियों से मुकाबला करेंगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बरामद की गई लाशें सालबाड़ी उपमंडल में मानस नेशनल पार्क के पास खगड़ाबाड़ी गांव से बरामद की गई हैं। मरने वालों में चार बच्चे और दो महिलाएं शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि सात से 10 साल की उम्र के तीन बच्चे बेकी नदी के किनारे जंगल में छुपे हुए थे, उन्हें बचा लिया गया।
इस बीच, पुलिस ने बक्सा जिले के बासबाड़ी में उस समय हवा में गोलियां चलाईं, जब भालों और लाठियों से लैस भीड़ ने सुबह फॉरेस्ट रेंज कार्यालय में आग लगाने की कोशिश की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लोग शिकायत कर रहे थे कि उग्रवादियों ने उनके घर जला दिए और सरकार उनके जान-माल की हिफाजत करने में नाकाम रही।
हिंसा के सिलसिले में अभी तक कुल मिला कर 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) एपी राउत ने पत्रकारों को बताया कि जांच में हिंसा में एनडीएफबी (एस) की संलिप्तता का पता चला है। राउत ने बताया कि केंद्र ने हालात से निबटने के लिए अर्धसैनिक बलों की 10 कंपनियां भेजी है। उनमें से छह कंपनियां असम पहुंच गई हैं और उनमें से दो कंपनियां कोकराझाड़ और दो बक्सा भेजी गई हैं।
उन्होंने बताया कि एक अन्य कंपनी बीटीएडी के तहत एहतियाती कदम के बतौर उदलगुड़ी जिला जा रही है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने बताया कि लंबे अर्से से छापामार निरोधी कार्रवाई की जा रही है, लेकिन ताजा हालात के मद्देनजर अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं।
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