 
                                            असम में आदिवासियों पर हमला करने वाले बोडो उग्रवादियों के खिलाफ सेना अपने ऑपरेशन को तेज करने जा रही है। इसी के तहत सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग राज्य के हालात की समीक्षा करने के लिए वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बंद कमरे में रणनीतिक बैठक करेंगे।
सेना ने इलाके में उग्रवाद निरोधक अभियान तेज कर दिया है और प्रभावित इलाकों में स्थिति सामान्य करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन अब तक कोई नया अभियान शुरू नहीं किया गया है।
एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि आज यहां पहुंचे जनरल सुहाग वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बंद कमरे में रणनीतिक बैठक करेंगे। प्रवक्ता के अनुसार, कमांडर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और हालात से निपटने के लिए समय समय पर समीक्षा की जा रही है।
सेना प्रमुख ने इसी सिलसिले में शुक्रवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक, गृहमंत्री ने सेना प्रमुख से साफ कर दिया कि केंद्र बोडो उग्रवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहता है।
इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को राज्य के दौरे में कहा था कि सरकार आतंकवाद को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।
वहीं असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने एकीकृत कमांड को एनडीएफबी (एस) जैसे आतंकी गुटों के सफाए के लिए समयबद्ध खाका तैयार करने और तेज़ अभियान शुरू करने के लिए कहा है।
राज्य में फिर से हिंसा की कोई खबर नहीं है। हालिया हमलों, उनकी प्रतिक्रिया और पुलिस की गोलीबारी में मरने वालों की संख्या 81 हो गई है।
असम राज्य आपदा मोचन प्राधिकरण के सीईओ पीके तिवारी ने बताया कि चार प्रभावित जिलों कोकराझार, चिरांग, सोनितपुर और उदालगुरी के करीब 72,675 लोगों ने 61 राहत शिविरों में शरण ले रखी है।
गौरतलब है कि असम की हिंसा में 81 लोगों की मौत हुई है। आतंकी हमलों के बाद से पुलिस ने कोकराझार और उडालगुड़ी में अनिश्चित काल के लिए कर्फ्यू लगा दिया है, जबकि बक्सा, चिरांग और सोनितपुर में रात के वक्त कर्फ्यू जारी है। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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