असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कहा कि 1,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले असम कौशल विश्वविद्यालय से पूर्वोत्तर के युवाओं का कौशल बढ़ेगा. गुवाहाटी से लगभग 70 किलोमीटर दूर दरांग जिला मुख्यालय मंगलदाई में विश्वविद्यालय के लिए भूमि पूजन करते हुए शर्मा ने कहा कि संस्थान असम के जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा उठाएगा, जिनकी बहुत युवा आबादी है.
उन्होंने कहा, ‘‘1,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संस्थान में कई स्कूल और उत्कृष्टता केंद्र होंगे जो पूर्वोत्तर में युवाओं के कौशल को बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे. विश्वविद्यालय के पूरे असम में विभिन्न परिसर होंगे.'' शर्मा ने कहा कि अगस्त 2025 तक परिसर का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन एक अंतरिम परिसर के 2024 से ही काम करना शुरू करने की उम्मीद है.
कौशल विश्वविद्यालय, असम में अपनी तरह का पहला और देश में तीसरा ऐसा संस्थान होगा जो अपने विभिन्न स्कूलों और पाठ्यक्रम के माध्यम से उद्यमिता और नवाचार, जीवन कौशल और भाषा तथा डिजाइन एवं रचनात्मकता जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कौशल विकास के लिए शिक्षा प्रदान करेगा. इसे एशियाई विकास बैंक द्वारा आंशिक रूप से वित्त पोषित किया जा रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पिछले साल फरवरी में संस्थान की आधारशिला रखी थी.
हालांकि, विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने दावा किया कि आधारशिला रखना और भूमि पूजन करना समान चीज नहीं है. उन्होंने दावा किया कि पिछले साल आधारशिला रखने से परियोजना की मंजूरी और स्थल के चयन को चिह्नित किया गया था, जबकि वास्तविक निर्माण कार्य भूमि पूजन के बाद शुरू होगा.
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