
आज की तारीख में किसी का धर्म पूछना भी एक अपराध है... ऐसा कहना है भीम आर्मी के प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद का. NDTV से खास बातचीत में उन्होंने कथावाचक को लेकर विवाद से लेकर कावड़ यात्रा तक पर बात की. उन्होंने कहा कि देखिए कोई भी धार्मिक आयोजन में विवाद नहीं होना चाहिए .जिस तरह से किसी की जाति पूछना अपराध है, कुछ इस तरह से किसी की धर्म पूछना भी अपराध है. सब लोग बराबर है.मैं इससे सहमत नहीं हूं. प्रशासन को इस तरह छूट नहीं देनी चाहिए. यह जो विचार है बांटने का मैं इसके खिलाफ हूं.
उन्होंने कहा कि आप कुछ वैसा ही समझिए कि जिस तरह से कुछ दिन पहले कथा वाचकों की जाति पूछी जा रही थी, अब काम करने वाले का धर्म पूछा जा रहा है. यह दोनों चीज भारतीय संविधान के खिलाफ हैं और जो भारतीय संविधान के खिलाफ है मैं उसके खिलाफ हूं.
अब ऐसे भी समझ सकते हैं कि जिन कंपनियों से कोई सामान आता है कोई नहीं पूछता है किसका मालिक कौन है किस धर्म का है.यह सब भेदभाव गरीबों के साथ ही होते हैं ठेले वाले के साथ कर दुकान वाले के साथ बड़ी-बड़ी कंपनियों के साथ ऐसा नहीं होता है. वहां कौन-कौन से धर्म के लोग काम करते हैं किस तरह सामान आ रहा है कोई नहीं पूछता. व्रत के खाने होते हैं रमजान के खाने में होते हैं कोई नहीं पूछता है. यह जिस सोच के साथ फैलाई जा रही है इस देश एकजुट नहीं होगा. इससे भाईचारा टूटेगा देश का नुकसान होगा. अखंड भारत तभी बनेगा जब आप जाति और धर्म के बंधन से बाहर निकलेंगे।
जब मुसलमान की बात करें तो कहा यह जा रहा है कि उनके ताजियों साइज छोटा कर देने की. आप उनको नीचा दिखाने के लिए छोटा करने की बात कह रहा है .आप कहते हैं कि 1 इंच बाहर बैठकर नमाज नहीं पढ़ सकते हैं. अभी जो धार्मिक आयोजन होगा वह सारा सड़क पर ही होगा.
लगातार मुसलमान को गिराया जा रहा है उनकी धार्मिक आस्था को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. इससे कुछ नेताओं को लगता है कि उनका पोलिटिकल फायदा होगा. उनके वोटर भी देख रहे हैं कि यह गलत हो रहा है. आज तमाम कमजोर लोगों के साथ अन्याय हो रहा है. उन्होंने आगे कहा कि कावड़ यात्रा में देखने की जरूरत है कि कोई बड़ा ऐसा इंसिडेंट ना हो. उसे पर नजर रखने की जरूरत है तभी लोग आपको अच्छा कहेंगे. यही मेरी सरकार को सलाह है.
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