श्रीनगर:
जम्मू एवं कश्मीर में विपक्षी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सोमवार को मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती पर उनके उस बयान के लिए हमला बोला है, जिसमें महबूबा ने कथित रूप से कहा था कि वह 'मुस्लिम होने के नाते शर्मसार हैं...'
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता जुनैद मट्टू ने दावा किया कि पंपोर में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ कर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि "वह हमले को लेकर एक मुस्लिम होने के नाते शर्मसार हैं..."
मट्टू ने कहा, "यह वही महबूबा मुफ्ती हैं, जो कहा करती थीं कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता... अब अचानक आतंक उन्हें इस्लाम से पैदा हुआ लगने लगा, जिसके लिए मुस्लिमों को शर्मसार होना चाहिए... एक मुख्यमंत्री ने ऐसा कहा, इसलिए यह शर्मनाक है..."
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, "सो, अब महबूबा मुफ्ती ने भी 'इस्लामिक आतंकवाद' का फायदेमंद राग अलापना शुरू कर दिया, जबकि सालों तक वह कहती रहीं कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता..."
पाम्पोर में रविवार को शहीद हुए सीआरपीएफ कर्मियों के ताबूतों पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद सोमवार को महबूबा मुफ्ती ने पत्रकारों से कहा, "इससे कुछ हासिल नहीं किया जा सकता... इन हरकतों से हम सिर्फ कश्मीर और राज्य को बदनाम कर रहे हैं... हम उस मज़हब को भी धक्का पहुंचा रहे हैं, जिसका हम पालन करते हैं..."
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता जुनैद मट्टू ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमले की निंदा करते हुए शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों के साथ सहानुभूति जताई, और कहा कि हिंसा किसी भी रूप में निंदनीय और अस्वीकार्य है।
मट्टू ने कहा, "हमारा दिल शहीद हुए सीआरपीएफ कर्मियों के परिवारों के साथ है, लेकिन हम 'इस्लामी आतंकवाद का फायदेमंद राग' को अलापने की मुख्यमंत्री की जोरदार इच्छा को देखकर स्तब्ध हैं... उनकी मजबूरी क्या है, हम नहीं जानते, लेकिन यह बेहद दुःखद है... या तो वह अब भी आरएसएस तथा वीएचपी के प्रति वफादारी को साबित करने की कोशिश में हैं, या उन्होंने राजनैतिक ताकत हासिल करने के लिए सरल माध्यम के रूप में मुस्लिम समाज, मुस्लिम देशों और इस्लाम पर हमला बोलने की कसम खा ली है..."
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता जुनैद मट्टू ने दावा किया कि पंपोर में हुए आतंकवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ कर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि "वह हमले को लेकर एक मुस्लिम होने के नाते शर्मसार हैं..."
मट्टू ने कहा, "यह वही महबूबा मुफ्ती हैं, जो कहा करती थीं कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता... अब अचानक आतंक उन्हें इस्लाम से पैदा हुआ लगने लगा, जिसके लिए मुस्लिमों को शर्मसार होना चाहिए... एक मुख्यमंत्री ने ऐसा कहा, इसलिए यह शर्मनाक है..."
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता तथा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, "सो, अब महबूबा मुफ्ती ने भी 'इस्लामिक आतंकवाद' का फायदेमंद राग अलापना शुरू कर दिया, जबकि सालों तक वह कहती रहीं कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता..."
पाम्पोर में रविवार को शहीद हुए सीआरपीएफ कर्मियों के ताबूतों पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद सोमवार को महबूबा मुफ्ती ने पत्रकारों से कहा, "इससे कुछ हासिल नहीं किया जा सकता... इन हरकतों से हम सिर्फ कश्मीर और राज्य को बदनाम कर रहे हैं... हम उस मज़हब को भी धक्का पहुंचा रहे हैं, जिसका हम पालन करते हैं..."
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता जुनैद मट्टू ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमले की निंदा करते हुए शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों के साथ सहानुभूति जताई, और कहा कि हिंसा किसी भी रूप में निंदनीय और अस्वीकार्य है।
मट्टू ने कहा, "हमारा दिल शहीद हुए सीआरपीएफ कर्मियों के परिवारों के साथ है, लेकिन हम 'इस्लामी आतंकवाद का फायदेमंद राग' को अलापने की मुख्यमंत्री की जोरदार इच्छा को देखकर स्तब्ध हैं... उनकी मजबूरी क्या है, हम नहीं जानते, लेकिन यह बेहद दुःखद है... या तो वह अब भी आरएसएस तथा वीएचपी के प्रति वफादारी को साबित करने की कोशिश में हैं, या उन्होंने राजनैतिक ताकत हासिल करने के लिए सरल माध्यम के रूप में मुस्लिम समाज, मुस्लिम देशों और इस्लाम पर हमला बोलने की कसम खा ली है..."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
महबूबा मुफ्ती, पाम्पोर हमला, जम्मू कश्मीर, नेशनल कॉन्फ्रेंस, उमर अब्दुल्ला, जुनैद मट्टू, Mehbooba Mufti, Pampore Attack, Jammu And Kashmir, National Conference, Omar Abdullah, Junaid Mattu