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This Article is From Mar 02, 2022

यूक्रेन से भागे भारतीय दंपती के लिए 'क्रूरता से आतिथ्‍य' जैसा रहा रोमानिया तक का सफर...

21 साल के हर्ष और 19 साल की रेवा, वेस्‍टर्न यूक्रेन की एक यूनिवर्सिटी  में मेडिसिन की पढ़ाई के दौरान एक- दूसरे से प्‍यार करने लगे थे.

यूक्रेन से भागे भारतीय दंपती के लिए 'क्रूरता से आतिथ्‍य' जैसा रहा रोमानिया तक का सफर...
हर्ष और रेवा भाग्‍यशाली रहे कि युद्ध प्रभावित यूक्रेन से निकलने में सफल हो गए (प्रतीकात्‍मक फोटो)
कोरबींका (रोमानिया):

Russia Ukraine Crisis: यूक्रेन संकट हर्ष पंवार और उनकी गर्लफ्रेंड रेवा श्रीवास्‍तव के लिए मुसीबत बनकर आया है. रूस के हवाई हमलों की चेतावनी देते सायरनों की आवाजों से बचकर हर्ष और रेवा करीब एक सप्‍ताह बाद रोमानिया की राजधानी बुखारेस्‍ट में एक विवाह स्‍थल के शेल्‍टर में गहरी नींद सोए.रॉयटर्स की खबर के अनुसार, 21 साल के हर्ष और 19 साल की रेवा, वेस्‍टर्न यूक्रेन की एक यूनिवर्सिटी  में मेडिसिन की पढ़ाई के दौरान एक- दूसरे से प्‍यार करने लगे थे. रूस का आक्रमण शुरू होने के बाद वे अपने हमवतन साथियों के साथ यू्क्रेनी महिलाओं, बच्‍चों और अन्‍य विदेशियों की लंबी कतारों में लग गए जो पड़ोसी देश  रोमानिया जा रहे थे. रेवा बताती हैं, 'यह एक तरह से क्रूरता से आतिथ्‍य के लिए सीमा पार करने की तरह का अनुभव था. हमारा दिमाग काम नहीं कर रहा था.  दो दिन तक हम किसी आश्रय स्‍थल, किसी सुविधा के बिना सड़क पर थे. ' कुछ गैर यूक्रेनियों ने देश से बाहर निकलने के दौरान बॉर्डर गार्ड्स के दुर्व्‍यवहार की शिकायत की. इस आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए यू्क्रेन के विदेश मंत्री दिमेत्रो कुलेबा ने एक ट्वीट करके कहा है कि सभी को घर वापस जाने के समान अवसर मिलने चाहिए. उन्‍होंने कहा, 'यूक्रेन की सरकार इस समस्‍या के समाधान में कोई कसर बाकी नहीं रखेगी. ' संयुक्‍त राष्‍ट्र के अनुमानों के अनुसार, रूस के हमले की शुरुआत के बाद से करीब सात लाख लोग यूक्रेन से भागकर पड़ोसी देशों में पहुंच गए हैं. 

रोमानियाई सीमा से हर्ष और रेवा, विदेशी स्‍टूडेंट्स के बड़े ग्रुप में शामिल हो गए जिन्‍हें बुडापेस्‍ट के मुख्‍य एयरपोर्ट के नजदीकी गांवों में ले जाया गया. यहां से वे घर वापसी के लिए उड़ान भरने का इंतजार कर रहे हैं. दंपती ने अपनी रात एक शादी और कार्यक्रम स्‍थल पर बिताई जो हरे भरे जंगल के बगल में बसे कोरबींका गांव में है, जिसकी छत छोटी-छोटी लाइट्स से कवर है.हर्ष बताते हैं, 'हमने अपनी रात शांति के साथ बिताई. अब हम किसी भी चीज के लिए भयभीत नहीं है. यूक्रेन में हम युद्ध को लेकर खौफजदा थे. ' उन्‍होंने कहा कि जब हमने पहली बार इन झिलमिलाती लाइट्स को देखा तो महसूस हुआ कि वे किसी चीज का जश्‍न मनाने वाले है. कोविड-19 महामारी प्रतिबंध के कारण इस स्‍थान ने पिछले वर्ष अक्‍टूबर के बाद से कोई विवाह  समारोह की मेजबानी नहीं की थी. यहां 100 से अधिक लोगों के ठहरने का इंतजाम है. यूक्रेन से भागकर रोमानिा पहुंचे कुछ अन्‍य भारतीय छात्रों को उम्‍मीद है कि वे एक दिन फिर यूक्रेन लौटेंगे. भानु प्रताप सिगरीवाल ने कहा, 'हम यू्क्रेन वापस जाना चाहते हैं. ' रितिका पांडे ने जोड़ा-फ्री यूक्रेन में....

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