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This Article is From Apr 07, 2017

चीन को लेकर अरुणाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री पेमा खांडू का बयान बना अंतरराष्‍ट्रीय सुर्खी

चीन को लेकर अरुणाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री पेमा खांडू का बयान बना अंतरराष्‍ट्रीय सुर्खी
अरुणाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री पेमा खांडू (फाइल फोटो)
बोम्डिला (अरुणाचल प्रदेश): अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने गुरुवार को कहा कि चीन को भारत को यह कहने का हक नहीं है कि वह देश में दलाई लामा की गतिविधि को लेकर क्या करे, क्या ना करे. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘चीन को हमें यह बताने का कोई हक नहीं है कि हम (दलाई लामा की गतिविधि को लेकर) क्या करें क्या ना करें. वह हमारा सीधा सीधा पड़ोसी नहीं है. भारत की सीमा तिब्बत से लगी है, चीन से नहीं.’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वास्तविकता में मैकमोहन रेखा भारत और तिब्बत की सीमा निर्धारित करती है.’’ वह बुधवार को गुवाहाटी से बोम्डिला की आठ घंटे की यात्रा के दौरान दलाई लामा के साथ थे. उन्होंने कहा कि यह कठिन यात्रा करना तिब्बती अध्यात्मिक गुरु की ओर से एक साहसी फैसला था.

वाशिंगटन पोस्‍ट ने लिखा, 'भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में सत्ता संभालने के बाद से ही चीन की तरफ लगातार आक्रामक रुख अपना रखा है. उसी वर्ष उन्‍होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में तिब्‍बत के निर्वासित प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया था. लेकिन केवल मोदी ही नहीं हैं जो उकसाने वाली बातें कर रहे हैं. अरुणाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री ने दलाई लामा के दौरे को लेकर एक कदम और आगे जाने का फैसला किया. उनके बयान कि 'उनके राज्‍य की सीमा चीन से नहीं बल्कि तिब्‍बत से लगती है' का हवाला देते हुए अखबार लिखता है, 'इसकी बीजिंग में जबरदस्‍त प्रतिक्रिया होनी चाहिए.'

चीन ने भारत पर ‘तनाव बढ़ाने’ का आरोप लगाया
चीन ने गुरुवार को भारत पर आरोप लगाया कि दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने की इजाजत देकर ‘तनाव बढ़ाया’ है और बीजिंग के हितों को नुकसान पहुंचाया है. दूसरी तरफ, चीनी सरकारी मीडिया ने कहा कि अगर भारत दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा करने की अनुमति देकर घटिया खेल खेलता है तो चीन को भी ‘ईंट का जवाब पत्थर से देने में’ हिचकना नहीं चाहिए. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयांग ने मीडिया को संबोधित करते हुए बुधवार को कहा, ‘‘मैं पुष्टि कर सकती हूं कि चीन ने बीजिंग और दिल्ली में विरोध दर्ज कराया है.’’ हुआ ने कहा कि बीजिंग में चीन में भारतीय दूत विजय गोखले के समक्ष विरोध दर्ज कराया गया. नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के सक्षम अधिकारियों के समक्ष आपत्ति दर्ज करायी गयी. यह पूछे जाने पर कि क्या बीजिंग 81 वर्षीय दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश जाने की भारत की अनुमति को ‘एक चीन’ नीति पर सवाल की तरह देखता है, हुआ ने कहा, ‘‘मैं फिर से इस बात पर जोर देना चाहूंगी कि चीन के अहम चिंता और मुख्य हितों, क्षेत्रीय और संप्रभुता संबंधी मुद्दों पर चीन का रुख समान रहा है.’’

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