अरुण जेटली ने विपक्ष पर साधा निशाना
नई दिल्ली:
वित्त मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने शुक्रवार को राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Deal) सौदे पर लगाए गए आरोपों को ऐसी ‘कहानी गढ़ने' के समान बताया जिसने राष्ट्र की सुरक्षा को जोखिम में डाला. अरुण जेटली (Arun Jaitley) का यह बयान उच्चतम न्यायालय के फैसले के आलोक में आया है जिसमें 36 राफेल विमानों (Rafale Deal) की खरीद के लिए भारत एवं फ्रांस के बीच हुए समझौते को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया गया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर हमला बोलते हुए जेटली ने कहा, “हंगामा करने वाले” सभी मोर्चों पर नाकाम हो गए हैं और यह झूठ गढ़ने वालों ने देश की सुरक्षा को जोखिम में डाला.
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अरुण जेटली ने कहा कि झूठ तो सामने आना ही था और आया भी. साथ ही कहा कि अगर ईमानदार सौदों पर सवाल उठाए जाएंगे तो अधिकारियों एवं सशस्त्र बलों को भविष्य में ऐसी कोई भी प्रक्रिया शुरू करने से पहले दो बार सोचना पड़ेगा. फैसले से खुश, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के माध्यम से राफेल सौदे के मुद्दे पर विराम लग गया. सीतारमण ने जेटली के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. जेटली ने कहा कि गांधी के आरोपों में बताया गया हर आंकड़ा गलत था. उन्होंने कहा कि सरकार संसद में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए फिर से जोर देगी.
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उन्होंने दावा किया कि दुनिया भर के लोकतंत्रों में ऐसी परंपरा रही है कि नेता अपने झूठ पकड़े जाने पर अपना पद छोड़ देते हैं. सौदे की संयुक्त संसदीय जांच (जेपीसी) की कांग्रेस की मांग पर पूछे गए सवाल पर जेटली ने कहा कि केवल न्यायिक निकाय ही इस तरह की जांच कर सकती है क्योंकि पहले ऐसा देखा गया है कि जेपीसी पक्षपाती रही है. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला निर्णायक है और सौदे के बारे में किसी संदेह की गुंजाइश नहीं छोड़ता. बता दें कि इस मामले में राहुल गांधी ने शुक्रवार को सरकार की आलोचना की. उन्होंने, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आखिर पांच सौ करोड़ के जहाज 1600 करोड़ में क्यों खरीदे गए. जिस दिन जेपीसी की जांच हो गई दो नाम सामने आएंगे मोदी और अनिल अंबानी. राहुल गांधी ने कहा कि सब जानते हैं कि चौकीदार चोर हैं और चौकीदार ने अनिल अंबानी को चोरी कराई.राहुल गांधी ने कहा कि हम तीन चार दिन में प्रेस कांफ्रेंस करते हैं. पर प्रधानमंत्री कोई प्रेस नहीं करते .
VIDEO: क्या कोर्ट में तथ्य गलत रखे गए?
हम काफ़ी समय से राफ़ेल पर भ्रष्टाचार की बात करते हैं. 526 करोड़ का विमान 1600 करोड़ का क्यों खरीदा गया? ऑफ़सेट पार्टनर का जिम्मा अनिल अंबानी की कंपनी को ही क्यों दिया ? HAL को क्यों नहीं दिया? जबकि हिंदुस्तान में रोजगार की भारी कमी है. फ्रांस के राष्ट्रपति कहते हैं कि सीधे प्रधानमंत्री ने हमें आर्डर दिया, मगर सरकार हमारे सवालों का एक भी जवाब नहीं देती.
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अरुण जेटली ने कहा कि झूठ तो सामने आना ही था और आया भी. साथ ही कहा कि अगर ईमानदार सौदों पर सवाल उठाए जाएंगे तो अधिकारियों एवं सशस्त्र बलों को भविष्य में ऐसी कोई भी प्रक्रिया शुरू करने से पहले दो बार सोचना पड़ेगा. फैसले से खुश, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के माध्यम से राफेल सौदे के मुद्दे पर विराम लग गया. सीतारमण ने जेटली के साथ संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया. जेटली ने कहा कि गांधी के आरोपों में बताया गया हर आंकड़ा गलत था. उन्होंने कहा कि सरकार संसद में इस मुद्दे पर चर्चा के लिए फिर से जोर देगी.
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उन्होंने दावा किया कि दुनिया भर के लोकतंत्रों में ऐसी परंपरा रही है कि नेता अपने झूठ पकड़े जाने पर अपना पद छोड़ देते हैं. सौदे की संयुक्त संसदीय जांच (जेपीसी) की कांग्रेस की मांग पर पूछे गए सवाल पर जेटली ने कहा कि केवल न्यायिक निकाय ही इस तरह की जांच कर सकती है क्योंकि पहले ऐसा देखा गया है कि जेपीसी पक्षपाती रही है. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय का फैसला निर्णायक है और सौदे के बारे में किसी संदेह की गुंजाइश नहीं छोड़ता. बता दें कि इस मामले में राहुल गांधी ने शुक्रवार को सरकार की आलोचना की. उन्होंने, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आखिर पांच सौ करोड़ के जहाज 1600 करोड़ में क्यों खरीदे गए. जिस दिन जेपीसी की जांच हो गई दो नाम सामने आएंगे मोदी और अनिल अंबानी. राहुल गांधी ने कहा कि सब जानते हैं कि चौकीदार चोर हैं और चौकीदार ने अनिल अंबानी को चोरी कराई.राहुल गांधी ने कहा कि हम तीन चार दिन में प्रेस कांफ्रेंस करते हैं. पर प्रधानमंत्री कोई प्रेस नहीं करते .
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हम काफ़ी समय से राफ़ेल पर भ्रष्टाचार की बात करते हैं. 526 करोड़ का विमान 1600 करोड़ का क्यों खरीदा गया? ऑफ़सेट पार्टनर का जिम्मा अनिल अंबानी की कंपनी को ही क्यों दिया ? HAL को क्यों नहीं दिया? जबकि हिंदुस्तान में रोजगार की भारी कमी है. फ्रांस के राष्ट्रपति कहते हैं कि सीधे प्रधानमंत्री ने हमें आर्डर दिया, मगर सरकार हमारे सवालों का एक भी जवाब नहीं देती.
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