वित्त मंत्री अरुण जेटली का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
अगस्ता वेस्टलैंड को काली सूची में डालने के कांग्रेस के दावे को हास्यास्पद करार देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि बतौर रक्षा मंत्री उन्होंने 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद के सौदे पर जून 2014 में रोक लगाई थी और जुलाई में इसके साथ भविष्य में किसी तरह के अनुबंध पर पाबंदी लगा दी थी। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर अनुबंध में रिश्वत पाने वाले लोगों की पहचान करने को छोड़कर राजग सरकार का कोई राजनीतिक इरादा नहीं है।
यह एक उपयुक्त जांच शुरू करने का समय : जेटली
जेटली ने यहां कहा, 'आज हम इस जगह पर हैं कि हमारे पास यह संदेह करने की वजह है कि रिश्वत ली गई थी और इसलिए यह एक उपयुक्त जांच शुरू करने का समय है। आज संदेह करने का यह एकमात्र कारण है कि किसी ने रिश्वत ली थी।' उन्होंने कहा कि मामले को आगे बढ़ाने में लाभान्वितों की पहचान करने के अलावा सरकार के पास कोई राजनीतिक इरादा नहीं है।' उन्होंने कहा, 'लाभान्वितों की पहचान एक राजनीतिक विवाद के पीछे नहीं छिपाई जा सकती।' बाहरी कारकों से रक्षा खरीद फैसले प्रभावित होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रिश्वत देने वालों की इटली में पहचान कर ली गई है और दोषी करार दिया गया है तथा अब भारत में रिश्वत प्राप्त करने वालों की पहचान करनी है।
'संप्रग ने कभी अगस्ता को काली सूची में नहीं डाला'
उन्होंने कहा, 'इसलिए, बेशक यह एक गंभीर जांच के लिए आधार है।' कांग्रेस पर प्रहार करते हुए जेटली ने कहा कि उन्होंने यह दलील गढ़ी कि संप्रग ने अगस्ता को काली सूची में डाला और राजग ने इसे काली सूची से निकाल दिया। उन्होंने आगे कहा, 'संप्रग ने कभी अगस्ता को काली सूची में नहीं डाला। नौ जून 2014 को मैंने पूरे सौदे को रोका और फिर अटॉर्नी जनरल की सलाह लेने के बाद एक औपचारिक आदेश तीन जुलाई को जारी किया गया। उनसे सलाह ली गई कि कोई नया अनुबंध तब तक नहीं होगा जब तक कि मामले की जांच नहीं हो जाती।' जेटली ने मई 2014 से नवंबर 2014 के शुरुआत तक रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय का तीन जुलाई का आदेश अब तक कायम है।
एंटनी को कहना चाहिए कि मामले की जांच होनी चाहिए : वित्त मंत्री
जेटली ने कहा कि यदि कांग्रेस रिश्वत दिए जाने के आरोपों को खारिज करती है तो फिर एके एंटनी यह दावा क्यों कर रहे हैं कि उन्होंने अगस्ता को काली सूची में डाला था? उन्होंने कहा कि यदि उनका कोई संबंध नहीं है तो उन्हें कहना चाहिए कि एक उपयुक्त जांच होनी चाहिए और सच्चाई को अवश्य सामने आना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या अगस्ता वेस्टलैंड मामले का हश्र भी बोफोर्स कांड जैसा होगा, उन्होंने कहा, 'मैं नहीं जानता। यह सामने आने वाले तथ्यों पर निर्भर करेगा।' जेटली ने कहा कि सीबीआई के लिए भी चुनौतियां हैं, क्योंकि अपराध की भारत में जांच हो रही है, लेकिन साक्ष्य देश के बाहर है। उन्होंने कहा कि इसलिए जब बाहरी क्षेत्राधिकार हमसे सहयोग करेगा तभी जाकर जांच आगे बढ़ेगी। सीबीआई ने कहा कि उसने अनुरोध भेजा है।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय लेने वाले सभी लोगों, रक्षा अधिकारियों और आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर है कि वे जांचकर्ताओं को सहयोग करें तथा रिश्वत लेने वालों की पहचान करें।
यह एक उपयुक्त जांच शुरू करने का समय : जेटली
जेटली ने यहां कहा, 'आज हम इस जगह पर हैं कि हमारे पास यह संदेह करने की वजह है कि रिश्वत ली गई थी और इसलिए यह एक उपयुक्त जांच शुरू करने का समय है। आज संदेह करने का यह एकमात्र कारण है कि किसी ने रिश्वत ली थी।' उन्होंने कहा कि मामले को आगे बढ़ाने में लाभान्वितों की पहचान करने के अलावा सरकार के पास कोई राजनीतिक इरादा नहीं है।' उन्होंने कहा, 'लाभान्वितों की पहचान एक राजनीतिक विवाद के पीछे नहीं छिपाई जा सकती।' बाहरी कारकों से रक्षा खरीद फैसले प्रभावित होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि रिश्वत देने वालों की इटली में पहचान कर ली गई है और दोषी करार दिया गया है तथा अब भारत में रिश्वत प्राप्त करने वालों की पहचान करनी है।
'संप्रग ने कभी अगस्ता को काली सूची में नहीं डाला'
उन्होंने कहा, 'इसलिए, बेशक यह एक गंभीर जांच के लिए आधार है।' कांग्रेस पर प्रहार करते हुए जेटली ने कहा कि उन्होंने यह दलील गढ़ी कि संप्रग ने अगस्ता को काली सूची में डाला और राजग ने इसे काली सूची से निकाल दिया। उन्होंने आगे कहा, 'संप्रग ने कभी अगस्ता को काली सूची में नहीं डाला। नौ जून 2014 को मैंने पूरे सौदे को रोका और फिर अटॉर्नी जनरल की सलाह लेने के बाद एक औपचारिक आदेश तीन जुलाई को जारी किया गया। उनसे सलाह ली गई कि कोई नया अनुबंध तब तक नहीं होगा जब तक कि मामले की जांच नहीं हो जाती।' जेटली ने मई 2014 से नवंबर 2014 के शुरुआत तक रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला था। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय का तीन जुलाई का आदेश अब तक कायम है।
एंटनी को कहना चाहिए कि मामले की जांच होनी चाहिए : वित्त मंत्री
जेटली ने कहा कि यदि कांग्रेस रिश्वत दिए जाने के आरोपों को खारिज करती है तो फिर एके एंटनी यह दावा क्यों कर रहे हैं कि उन्होंने अगस्ता को काली सूची में डाला था? उन्होंने कहा कि यदि उनका कोई संबंध नहीं है तो उन्हें कहना चाहिए कि एक उपयुक्त जांच होनी चाहिए और सच्चाई को अवश्य सामने आना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या अगस्ता वेस्टलैंड मामले का हश्र भी बोफोर्स कांड जैसा होगा, उन्होंने कहा, 'मैं नहीं जानता। यह सामने आने वाले तथ्यों पर निर्भर करेगा।' जेटली ने कहा कि सीबीआई के लिए भी चुनौतियां हैं, क्योंकि अपराध की भारत में जांच हो रही है, लेकिन साक्ष्य देश के बाहर है। उन्होंने कहा कि इसलिए जब बाहरी क्षेत्राधिकार हमसे सहयोग करेगा तभी जाकर जांच आगे बढ़ेगी। सीबीआई ने कहा कि उसने अनुरोध भेजा है।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय लेने वाले सभी लोगों, रक्षा अधिकारियों और आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भर है कि वे जांचकर्ताओं को सहयोग करें तथा रिश्वत लेने वालों की पहचान करें।
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