वित्त मंत्री अरुण जेटली
नई दिल्ली:
राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि संसद का यह शीतकालीन सत्र भी हंगामे की भेंट चढ़ता जा रहा है। संसद के पिछले सत्र में भी यही हुआ था। सरकार इस बात से परेशान है क्योंकि उसके कई महत्वपूर्ण बिल अटके पड़े हैं जिसमें सबसे प्रमुख है जीएसटी बिल। यही वजह है कि वित्तमंत्री अरुण जेटली को यह लिखना पड़ा कि संसद में संविधान संशोधन बिल जीएसटी पारित होना है।
क्या हम देशहित में काम कर रहे हैं या नहीं
जेटली ने लिखा है कि इस वक्त हम सबको अपने आप से यह सवाल करना चाहिए कि क्या हम देशहित में काम कर रहे हैं या नहीं। कांग्रेस की रणनीति साफ है वह किसी भी हालत में इस सत्र में जीएसटी पास नहीं होने देना चाहती है।
आखिर कांग्रेस क्यों नहीं चाहती कि 2015 में पास हो जीएसटी बिल
कांग्रेस नहीं चाहती कि 2016 से जीएसटी लागू हो। कारण ये है कि कांग्रेस जीएसटी को अपना बिल मानती है और जब इस पर सहमति बनाने की कोशिश कर रही थी तब बीजेपी इसका विरोध कर रही थी। बीजेपी को खुश करने की कोशिश करने के लिए सुशील मोदी को जीएसटी समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। उस वक्त जीएसटी का सबसे पहले विरोध गुजरात ने किया था। 2जी पर जब संसद नहीं चल रही थी ..तब अरुण जेटली ने 26 अगस्त 2012 को कहा था, 'ऐसे मौक़े आते हैं जब संसद को रोकना देशहित में होता है.. हमारी रणनीति ये है कि हम सरकार को बिना जवाबदेह हुए संसद का इस्तेमाल करते रहने नहीं दे सकते। हम बहस के ज़रिए सरकार को बच निकलने का रास्ता नहीं देना चाहते।' इस वक्त जीएसटी का विरोध तमिलनाडु कर रहा है।
क्या हम देशहित में काम कर रहे हैं या नहीं
राज्यसभा का गणित कुछ ऐसा है कि बिना कांग्रेस की सहमति के यह बिल राज्यसभा में पास ही नहीं हो सकता। कांग्रेस इसी का फायदा उठा रही है। कांग्रेस ने जीएसटी में तीन बदलाव करने की बात कही है जिसमें एक सुझाव सरकार मान रही है मगर प्रधानमंत्री के साथ सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की मुलाकात भी बेनतीजा रही।
जेटली ने याद किया 28 मार्च 1957 का पंडित नेहरू का भाषण
अब जेटली जी पंडित नेहरू के 28 मार्च 1957 को लोकसभा के पहले दिन दिए गए भाषण का जिक्र कर रहे हैं जिसमें नेहरू जी ने कहा था, 'इस देश में रहने वाले करोड़ों लोगों का भविष्य तय करने वाली इस संप्रभु संस्था का कि इस सदन का सदस्य होना अपने आप में ही बहुत बड़ी जिम्मेवारी है क्योंकि यहां देश के लोगों का भविष्य तय होता है।'
मगर कांग्रेस वही कर रही है जो विपक्ष में रहते हुए बीजेपी करती थी। 2010 में बीजेपी ने भी 2-जी मामले पर संसद नहीं चलने दिया था। अब बीजेपी की दवा का कड़वा घूंट कांग्रेस उसी को पिला रही है और जेटली जी पंडित नेहरू को याद करा कर कांग्रेस का जमीर जगाना चाहते हैं।
क्या हम देशहित में काम कर रहे हैं या नहीं
जेटली ने लिखा है कि इस वक्त हम सबको अपने आप से यह सवाल करना चाहिए कि क्या हम देशहित में काम कर रहे हैं या नहीं। कांग्रेस की रणनीति साफ है वह किसी भी हालत में इस सत्र में जीएसटी पास नहीं होने देना चाहती है।
आखिर कांग्रेस क्यों नहीं चाहती कि 2015 में पास हो जीएसटी बिल
कांग्रेस नहीं चाहती कि 2016 से जीएसटी लागू हो। कारण ये है कि कांग्रेस जीएसटी को अपना बिल मानती है और जब इस पर सहमति बनाने की कोशिश कर रही थी तब बीजेपी इसका विरोध कर रही थी। बीजेपी को खुश करने की कोशिश करने के लिए सुशील मोदी को जीएसटी समिति का अध्यक्ष बनाया गया था। उस वक्त जीएसटी का सबसे पहले विरोध गुजरात ने किया था। 2जी पर जब संसद नहीं चल रही थी ..तब अरुण जेटली ने 26 अगस्त 2012 को कहा था, 'ऐसे मौक़े आते हैं जब संसद को रोकना देशहित में होता है.. हमारी रणनीति ये है कि हम सरकार को बिना जवाबदेह हुए संसद का इस्तेमाल करते रहने नहीं दे सकते। हम बहस के ज़रिए सरकार को बच निकलने का रास्ता नहीं देना चाहते।' इस वक्त जीएसटी का विरोध तमिलनाडु कर रहा है।
क्या हम देशहित में काम कर रहे हैं या नहीं
राज्यसभा का गणित कुछ ऐसा है कि बिना कांग्रेस की सहमति के यह बिल राज्यसभा में पास ही नहीं हो सकता। कांग्रेस इसी का फायदा उठा रही है। कांग्रेस ने जीएसटी में तीन बदलाव करने की बात कही है जिसमें एक सुझाव सरकार मान रही है मगर प्रधानमंत्री के साथ सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह की मुलाकात भी बेनतीजा रही।
जेटली ने याद किया 28 मार्च 1957 का पंडित नेहरू का भाषण
अब जेटली जी पंडित नेहरू के 28 मार्च 1957 को लोकसभा के पहले दिन दिए गए भाषण का जिक्र कर रहे हैं जिसमें नेहरू जी ने कहा था, 'इस देश में रहने वाले करोड़ों लोगों का भविष्य तय करने वाली इस संप्रभु संस्था का कि इस सदन का सदस्य होना अपने आप में ही बहुत बड़ी जिम्मेवारी है क्योंकि यहां देश के लोगों का भविष्य तय होता है।'
मगर कांग्रेस वही कर रही है जो विपक्ष में रहते हुए बीजेपी करती थी। 2010 में बीजेपी ने भी 2-जी मामले पर संसद नहीं चलने दिया था। अब बीजेपी की दवा का कड़वा घूंट कांग्रेस उसी को पिला रही है और जेटली जी पंडित नेहरू को याद करा कर कांग्रेस का जमीर जगाना चाहते हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं