नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के गूगल की सहायक कंपनी एड्रॉयड इंक पर जुर्माना लगाने के मामले में सुनवाई के दौरान कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए? सुप्रीम कोर्ट ने गूगल से पूछा है कि क्या वो वही व्यवस्था लागू करने के इच्छुक हैं जो उन्होंने यूरोप में रखी है? सुप्रीम कोर्ट गूगल की याचिका पर 18 जनवरी को सुनवाई करेगा.
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस जे बी पारदीवाला की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की. सुनवाई के दौरान सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने गूगल से पूछा, "ये आदेश 20 अक्टूबर को पारित किया गया था. दिसंबर में अपील दायर की गई थी, आपके पास वकीलों की कमी नहीं है. आप आदेश के खिलाफ अपील दायर कर सकते थे. ऐसा लग रहा है कि मामले को लेकर कृत्रिम आपातकाल बनाया जा रहा है. आप एक ऐसी आपात स्थिति पैदा कर रहे हैं, ताकि ट्रिब्यूनल तारीख बढ़ाने के लिए विवश हो जाए."
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान गूगल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "यह सही नहीं है. अनुपालन की तिथि 19 जनवरी है. अपील दायर की गई थी, जब मामला एनसीएलएटी में आया, तब जज ने कहा कि मामला बड़ा है. हमने कहा कि कृपया 13-16 जनवरी के बीच कभी भी सुन लें. असाधारण निर्देशों के लिए अपील और सूट दायर किया गया था. हमने एंड्रॉयड बनाया है, जो सबसे अच्छा सॉफ्टवेयर है."
बता दें कि दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अक्टूबर 2022 में गूगल की सहायक कंपनी एड्रॉयड इंक पर बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का अनुचित लाभ उठाने के चलते 1338 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. एंड्रायड भारत में 97% स्मार्टफोन को ऑपेरटिंग सिस्टम प्रदान करती है और इस दिग्गज कंपनी के लिए भारत एक बड़ा बाजार है.
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ ने गूगल की अपील पर 16 जनवरी को सुनवाई के लिए सहमति जताई थी. गूगल ने एनसीएलएटी के अंतरिम आदेश पर रोक मांगी है, जिसने उसे 19 जनवरी तक जुर्माने की राशि का 10% जमा करने को कहा था और सीसीआई के जुर्माने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
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