सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग सुरक्षा हालात की समीक्षा करने शनिवार को असम पहुंचे। इस बीच सुरक्षा बलों ने, बोडो आतंकवादियों द्वारा किए गए नरसंहार के बाद, भूटान सीमा पर अभियान तेज कर दिया है। सेना प्रमुख ने कहा कि वह क्षेत्र पर बराबर नजर रखेंगे।
सेना के एक प्रवक्ता ने कहा कि जनरल दलबीर सिंह गुवाहाटी हवाईअड्डे से सीधे रंगिया सैन्य ठिकाने पर गए और सेना के शीर्ष कमांडरों के साथ वहां सुरक्षा हालात की समीक्षा की।
उन्हें अभियान की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई, और राज्य में सुरक्षा स्थिति में सुधार के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताया गया। सेना प्रमुख ने अशांत इलाकों में 66 सैन्य टुकड़ियों की तैनाती की समीक्षा की।
नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) द्वारा सोनितपुर, कोकराझार, उदलगुड़ी और चिरांग जिलों में की गई हिंसा में 73 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 70,000 से अधिक बेघर हो गए हैं।
रक्षा विभाग के एक प्रवक्ता ने यहां एक बयान में कहा, 'आतंकवादी संगठनों के खिलाफ दबाव बनाने के लिए विभिन्न एजेंसियों के साथ मिलकर सेना द्वारा की गई कार्रवाइयों के बारे में सेना प्रमुख को अवगत कराया गया।'
सेना प्रमुख ने अभियान की स्थिति जानने के लिए क्षेत्र में तैनात विभिन्न कमांडरों से बातचीत की। उन्होंने संकटग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी किया।
बयान के अनुसार, सेना प्रमुख ने सभी स्तर पर उठाए गए कदमों पर संतोष जताया, और केंद्रीय व राज्य की खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों के साथ अधिक सामंजस्य बनाने के लिए कहा।
बयान में कहा गया है, 'सेना प्रमुख ने सेना द्वारा पुलिस के साथ मिल कर बनाई जा रही कार्ययोजना के बारे में भी जानकारी ली और सैनिकों को निर्देश दिया कि क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने में राज्य प्रशासन को यथासंभव सभी मदद मुहैया कराएं, साथ ही आतंकवादियों के खिलाफ अथक अभियान जारी रखें।'
सेना एनडीएफबी द्वारा की गई हिंसा के बाद असम-अरुणाचल प्रदेश की अंतराज्यीय सीमा पर और भूटान के साथ लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अभियान पहले ही तेज कर चुकी है।
सेना प्रमुख ने असम के हालात पर शुक्रवार को केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से नई दिल्ली में मुलाकात की थी। केंद्र सरकार राज्य में हालात पर नियंत्रण करने के लिए अतिरिक्त बलों की 50 कंपनियां पहले ही भेज चुका है, जिसमें सशस्त्र सीमा बल, इंडो-तिब्बत सीमा पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और सीमा सुरक्षा बल शामिल हैं।
मंगलवार के नरसंहार के बाद से राज्य में हालांकि हिंसा की कोई नई घटना नहीं घटी है, लेकिन जिलों से लोगों का पलायन लगातार जारी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा है कि प्रभावित जिलों में 77 राहत शिविरों में 70,000 से अधिक लोगों ने शरण ले रखी है।
असम पुलिस के सूत्रों ने कहा है कि भूटान सीमा सील कर दी गई है और वहां छिपे पूर्वोत्तर के आतंकवादियों के खिलाफ जल्द ही एक अभियान शुरू किया जाएगा।
इस बीच केंद्र सरकार ने असम हिंसा की जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए को सौंप दी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, 'गृह मंत्रालय ने आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी को निर्देश दिया कि सोनितपुर और कोकराझार जिलों में संदिग्ध एनडीएफबी (एस) द्वारा हाल में किए गए हमलों से संबंधित असम पुलिस में दर्ज चार मामलों को अपने हाथों में ले ले।'
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