दिल्ली में यमुना उफान पर है, बिगड़ते हालात के बीच सेना को बुला लिया गया है. सेना ने मोर्चा संभालते ही सबसे पहले ITO के पास ड्रेनेज संख्या 12 के रेगुलेटर को ठीक करने का काम शुरू कर दिया. बता दें कि यह वही ड्रेनेज है जिससे यमुना का पानी लगातार शहर में घुस रहा है. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अगर इस ड्रेनेज को समय रहते ठीक नहीं किया गया तो यमुना पानी दिल्ली के अन्य इलाकों में भी पहुंच सकता है.
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट तक भी यमुना का पानी पहुंचने की आशंका जताई जा रही है. लेकिन अब जब सेना ने कमान संभाल ली है तो उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस ड्रेनेज के रेगुलेटर को ठीक कर दिया जाएगा, जिससे यमुना का पानी शह के अंदर घुसना बंद हो जाएगा.
बता दें कि आईटीओ और आसपास के इलाकों में पानी भरता देख मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेना और एनडीआरएफ की टीम को मौके पर उतारने की मांग की थी. उन्होंने गुरुवार को इसे लेकर एक ट्वीट भी किया था. इस ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि यमुना का पानी शहर के अंदर आने की वजह से आईटीओ और आसपास बाढ़ आ गई है. इंजीनियर पूरी रात काम करते रहे. मैंने अब मुख्य सचिव को सेना और एनडीआरएफ की मदद लेने के लिए निर्देश दिया है. लेकिन इसे तत्काल ठीक किया जाना चाहिए.
गुरुवार को पहुंचा था 208.62 मीटर तक
गुरुवार दोपहर 2 बजे तक यमुना का जलस्तर 208.62 मीटर पर पहुंच गया था. यह खतरे के निशान 205 मीटर से 3 मीटर से ज्यादा है. यमुना वजीराबाद से ओखला तक 22 किमी में है. केंद्रीय जल आयोग को आशंका है कि जलस्तर 209 मीटर पहुंचने पर ज्यादातर इलाके जलमग्न हो जाएंगे. यहां NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं. 2,700 राहत शिविर लगाए गए हैं.
सीएम आवास के पास पहुंचा यमुना का पानी
सीएम आवास के 300 मीटर तक जलभराव हो गया है. यमुना का जलस्तर बढ़ने से यमुना बाजार, मजनू का टीला, निगम बोध घाट, मॉनेस्ट्री मार्केट, वजीराबाद, गीता कॉलोनी और शाहदरा एरिया इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. दिल्ली सरकार ने बाहरी राज्य के लोगों के प्रदेश में एंट्री पर रोक लगा दी है. इसलिए सिंघु बॉर्डर, बदरपुर बॉर्डर, लोनी बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर सील कर दिए गए हैं. भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. हालांकि, छोटे वाहनों की एंट्री जारी रहेगी.
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