IIT खड़गपुर के छात्र की मौत के मामले में HC का कड़ा रुख, प्रबंधन से रैगिंग को लेकर मांगा जवाब

कलकत्ता हाईकोर्ट ने आईआईटी खड़गपुर के डायरेक्टर से रैगिंग की शिकायतों पर उठाए गए कदमों और रैगिंग पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन किए जाने को लेकर रिपोर्ट तलब की है. फैजान अहमद के परिवार ने रैगिंग होने को लेकर फेसबुक पोस्ट की ओर इशारा किया है, जिसे डिलीट कर दिया गया था.

IIT खड़गपुर के छात्र की मौत के मामले में HC का कड़ा रुख, प्रबंधन से रैगिंग को लेकर मांगा जवाब

असम के तिनसुकिया के रहने वाले फैजान आईआईटी खड़गपुर में पढ़ाई कर रहा था.

कोलकाता:

 खड़गपुर IIT के छात्र फैजान अहमद की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने पुलिस और आईआईटी खड़गपुर के प्रबंधन को कड़ी फटकार लगाई. संस्थान ने छात्र की मौत को रैगिंग का मामला बताया था. जबकि पुलिस ने इसे शुरुआती जांच में आत्महत्या करार दिया था. वहीं, छात्र के परिवार का कहना था कि उनके बेटे की हत्या की गई है.

असम के मैकेनिकल इंजीनियरिंग तृतीय वर्ष के छात्र का क्षत-विक्षत शव 14 अक्टूबर को उसके छात्रावास के कमरे से बरामद किया गया था. शुरुआती जांच में पुलिस को लगा कि फैजान ने खुदकुशी की है. फैजान के परिवार ने घटना की जांच के लिए सीआईडी ​​या विशेष जांच दल के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. असम के तिनसुकिया के रहने वाले फैजान आईआईटी खड़गपुर में पढ़ाई कर रहा था.

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा, "इस कोर्ट के समक्ष पर्याप्त सबूत हैं और पुलिस का मजाक उड़ाया गया है." कोर्ट ने देश के पहले आईआईटी के खिलाफ कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा, "एडिशनल एसपी अगर आईआईटी से दबाव है, तो कृपया कार्रवाई करें. हम कड़ी कार्रवाई की उम्मीद करते हैं या हमें प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी."

कलकत्ता हाईकोर्ट ने आईआईटी खड़गपुर के डायरेक्टर से रैगिंग की शिकायतों पर उठाए गए कदमों और रैगिंग पर सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन किए जाने को लेकर रिपोर्ट तलब की है. फैजान अहमद के परिवार ने रैगिंग होने को लेकर फेसबुक पोस्ट की ओर इशारा किया है, जिसे डिलीट कर दिया गया था.

परिवार के वकील रणजीत चटर्जी ने एनडीटीवी को बताया, 'परिवार ने बताया कि आईआईटी में सीनियर और जूनियर के बीच लड़ाई थी. इसमें फैजान अहमद को अलग-थलग कर दिया गया था. उन्होंने मैनेजमेंट से इसकी शिकायत की थी. जिन लोगों ने शुरू में उनका समर्थन किया, उन्होंने बाद में समर्थन वापस ले लिया. 

उन्होंने कहा, 'वार्डन छात्रों को गंभीर रैगिंग की शिकायत मिलने के बारे में चेतावनी दे रहे थे. इस बात के दस्तावेज सबूत हैं कि परिसर में रैगिंग हुई थी. रैगिंग को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए गए थे. अगर कदम उठाए जाते, तो शायद फैजान अहमद की मौत को टाला जा सकता था.'

उन्होंने कहा कि सबसे बुरी बात यह है कि संस्थान दोषियों को बचाने और परिसर में रैगिंग को छिपाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन हमें अदालत पर भरोसा है. मुझे यकीन है कि जांच का नतीजा सही दिशा में जा रहा है.

फैजान के पिता सलीम अहमद और मां रेहाना अहमद ने अपने बच्चे की मौत की जांच के लिए सीआईडी ​​या विशेष जांच दल गठित करने का अनुरोध किया है और इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

उन्होंने अर्जी में कहा कि फैजान उनकी इकलौती संतान है. कम से कम सीआईडी, सीबीआई या विशेष जांच दल को यह पता लगाना चाहिए कि उसकी मौत कैसे हुई हैं? क्योंकि उनके बेटे की मौत ने कई सवाल अनुत्तरित छोड़ दिए हैं. संभवत: उसकी हत्या कर दी गई थी. अदालत में अपनी याचिका में, सलीम और रेहाना ने यह भी दावा किया कि पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की कि फैजान मानसिक रूप से बीमार है. आत्महत्या के पीछे उनकी मानसिक बीमारी है. 

पुलिस ने यह भी कहा कि फैजान आत्मसात कार्यक्रम में नहीं जाना चाहता था. संयोग से यह खड़गपुर आईआईटी का रैगिंग ड्रेस कोड है, लेकिन फैजान को कोई दिक्कत नहीं थी.

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