उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की टीम का हिस्सा हैं. पटेल ने NDTV से खास बातचीत में कहा, 'हमारा सफर बहुत अच्छा रहा है. आपने देखा हमने 3 चुनाव मिलकर लड़े हैं और जनता ने भरपूर समर्थन भी दिया है. आज मंत्री परिषद में मेरी पार्टी की भागीदारी सुनिश्चित हुई है. इसके लिए प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष को धन्यवाद देती हूं.'
अनुप्रिया पटेल से जब सवाल किया गया कि यूपी से बहुत से सांसद आज मंत्री बने हैं, ऐसे में आने वाले चुनाव के मद्देनजर इसे किस तरह से देखते हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, 'उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ आबादी है और 80 लोकसभा सीटें हैं, तो जाहिर सी बात है कि हमारी जनसंख्या को देखते हुए और सांसदों की संख्या को देखते हुए मंत्री परिषद में हमारी भागीदारी अधिक होनी चाहिए. मुझे बहुत प्रसन्नता है कि मेरे बहुत सारे सांसद साथी जो यूपी से हैं, उनको मंत्रिपरिषद में भागीदारी मिली है.'
उन्होंने आगे कहा, 'इसको केवल चुनाव की दृष्टि से न देखें. हम सब जो सांसद चुनकर आए हैं, हम से जनता की अपेक्षा होती हैं और जब हम सीढ़ी में एक कदम ऊपर चढ़ते हैं, किसी विभाग की जिम्मेदारी मिलती है तो हमें और ज्यादा न केवल अपने क्षेत्र की बल्कि प्रदेश और देश की जनता विशेष तौर से प्रदेश पर फोकस करके और देश का भी ख्याल रखना होता है.'
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उनसे जब सवाल किया गया कि किसी महिला के लिए राजनीति में सरवाइव करना मुश्किल होता है और मंत्री बनना तो बहुत ही मुश्किल, इसको किस तरह से देखती हैं. पटेल ने कहा, 'मैं महिला भी हूं, युवा भी हूं और सहयोगी दल की नेता भी हूं. मेरे लिए द्वार कठिन रहा है, आसान नहीं रहा है लेकिन आज मैं जहां हूं, वह मेरे दिवंगत पिता जी डॉक्टर सोनेलाल पटेल ने, जिन्होंने अपना पूरा जीवन कमजोर वर्गों के लिए लड़ाई लड़ते-लड़ते समर्पित किया, उसका बहुत बड़ा योगदान है. आज मेरी बहुत सारी बहनों को मौका मिला है और हमारा यह बिल्कुल मानना है कि महिलाओं की शासन सत्ता में भागीदारी प्रदेश और देश के स्तर पर बढ़नी चाहिए. एक रोल मॉडल के रूप में देश की बेटियां उन्हें देखती हैं.'
अनुप्रिया से सवाल किया गया कि वसुंधरा राजे जब मुख्यमंत्री थी तो उनके बारे में शिकायत हुई कि वह रात को 8 बजे के बाद किसी से नहीं मिलती. उनका कहना था कि एक महिला की यह समस्या आप समझिए. उन्होंने जवाब दिया, 'मुझे लगता है जो सांसद पहने अपने-अपने क्षेत्र से चुनकर आए हैं, 8 बजे के बाद कोई न मिले ऐसा संभव नहीं है. मैं खुद रात मैं 2 बजे तक घर पहुंचती हूं.'
वह आगे कहती हैं, 'सांसद बनने के बाद आप सिर्फ महिला नहीं रह जाते, आपकी एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है तो मुझे लगता है कि महिलाओं को हम महिलाओं से ऊपर एक सांसद के रूप में देखना शुरू करें. यह ज्यादा जरूरी है और जितनी महिलाएं यहां जीत कर आई हैं, वह सब अपने क्षेत्र में डटी रहती हैं. उनके लिए समय की कोई बाध्यता नहीं होती है इसलिए वह चुनकर आई है.'
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