एंटिगुआ के विदेश मंत्री
नई दिल्ली:
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में आरोपी और भगोड़े आभूषण कारोबारी मेहुल चोकसी ने अभी एंटिगुआ में है. एंटिगुआ से उसके प्रत्यर्पण को लेकर भारत सरकार पूरी कोशिश कर रही है. इस बीच एंटिगुआ के विदेश मंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए भारत के विदेश मंत्री से बात करनी चाहिए. गौरतलब है कि बीते दिनों मुंबई में मेहुल चोकसी ने विशेष सीबीआई अदालत से अपने खिलाफ जारी गैरजमानती वारंट रद्द करने का अनुरोध किया था.
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जब एंटिगुआ के विदेश मंत्री EP Chet Greene से पूछा गया कि 'क्या आप मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण में भारत की मदद करेंगे, तो इस पर उन्होंने जवाब दिया कि आप अपने विदेश मंत्री से कहें.' बता दें कि सीबीआई ने विदेश मंत्रालय से कहा है कि भारत बिना इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के भी भगोड़े अरबपति मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के प्रत्यर्पण की कोशिश कर सकता है, क्योंकि इस प्रक्रिया के लिए यह कोई अनिवार्य जरूरत नहीं है.
अगस्त में मंत्रालय को पत्र लिखकर सीबीआई ने कहा कि रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) का उद्देश्य फरार आरोपी के ठिकाने का पता लगाना होता है, जो चोकसी के मामले में पहले ही हो चुका है, क्योंकि एंटीगुआ पुष्टि कर चुका है कि वह उसका नागरिक है. जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि आरसीएन का अब कोई विशेष महत्व भी नहीं है, क्योंकि एंटीगुआ उसे नागरिकता दे चुका है और चोकसी अब एंटीगुआ कापासपोर्ट धारक है.
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उसने मंत्रालय को यह भी बताया है कि उसने चोकसी की अंतरिम गिरफ्तारी की मांग करते हुए एंटीगुआ के अपने समकक्ष को पत्र भी लिखा है. चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में दो अरब डॉलर से अधिक की ऋण धोखाधाड़ी में कथित मुख्य षडयंत्रकर्ता है. मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा गया है, 'एंटीगुआई अधिकारियों की यह दलील कि केवल आरसीएन जारी कर ही चोकसी की आवाजाही रोकी जा सकती है, कानूनी रुप से पुख्ता नहीं है, क्योंकि संबंधित व्यक्ति को ढूंढने का प्राथमिक उद्देश्य पूरा हो चुका है.'
अधिकारियों ने कहा कि अंतरिम गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण के लिए अगला कदम अब एंटीगुआ को लेना होगा और उसके लिए आरसीएन कोई पूर्व जरूरत नहीं है. चोकसी ने यह कहते हुए इंटरपोल से आरसीएन जारी नहीं करने की दरख्वास्त की है कि उसके खिलाफआरोप राजनीति से प्रेरित है. उसका यह भी कहना है कि भारत में जेलों की दशा अच्छी नहीं है और वहां ठहरना उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा.
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जब एंटिगुआ के विदेश मंत्री EP Chet Greene से पूछा गया कि 'क्या आप मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण में भारत की मदद करेंगे, तो इस पर उन्होंने जवाब दिया कि आप अपने विदेश मंत्री से कहें.' बता दें कि सीबीआई ने विदेश मंत्रालय से कहा है कि भारत बिना इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस के भी भगोड़े अरबपति मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) के प्रत्यर्पण की कोशिश कर सकता है, क्योंकि इस प्रक्रिया के लिए यह कोई अनिवार्य जरूरत नहीं है.
#WATCH New York: Foreign Minister of Antigua & Barbuda EP Chet Greene says 'Speak to your Foreign Minister' when asked 'Will you help India in extraditing #MehulChoksi?' pic.twitter.com/TntbYBEDHh
— ANI (@ANI) September 27, 2018
अगस्त में मंत्रालय को पत्र लिखकर सीबीआई ने कहा कि रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) का उद्देश्य फरार आरोपी के ठिकाने का पता लगाना होता है, जो चोकसी के मामले में पहले ही हो चुका है, क्योंकि एंटीगुआ पुष्टि कर चुका है कि वह उसका नागरिक है. जांच एजेंसी ने यह भी कहा कि आरसीएन का अब कोई विशेष महत्व भी नहीं है, क्योंकि एंटीगुआ उसे नागरिकता दे चुका है और चोकसी अब एंटीगुआ कापासपोर्ट धारक है.
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उसने मंत्रालय को यह भी बताया है कि उसने चोकसी की अंतरिम गिरफ्तारी की मांग करते हुए एंटीगुआ के अपने समकक्ष को पत्र भी लिखा है. चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में दो अरब डॉलर से अधिक की ऋण धोखाधाड़ी में कथित मुख्य षडयंत्रकर्ता है. मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा गया है, 'एंटीगुआई अधिकारियों की यह दलील कि केवल आरसीएन जारी कर ही चोकसी की आवाजाही रोकी जा सकती है, कानूनी रुप से पुख्ता नहीं है, क्योंकि संबंधित व्यक्ति को ढूंढने का प्राथमिक उद्देश्य पूरा हो चुका है.'
अधिकारियों ने कहा कि अंतरिम गिरफ्तारी और प्रत्यर्पण के लिए अगला कदम अब एंटीगुआ को लेना होगा और उसके लिए आरसीएन कोई पूर्व जरूरत नहीं है. चोकसी ने यह कहते हुए इंटरपोल से आरसीएन जारी नहीं करने की दरख्वास्त की है कि उसके खिलाफआरोप राजनीति से प्रेरित है. उसका यह भी कहना है कि भारत में जेलों की दशा अच्छी नहीं है और वहां ठहरना उसके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा.
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