केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि फिलहाल कश्मीर घाटी के कुल 196 पुलिस स्टेशनों में से महज 10 पुलिस थाना क्षेत्र में ही प्रतिबंध कायम है. इसके साथ ही शाह ने जोर देते हुए कहा कि जब से जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द किया गया है, तब से लेकर अभी तक कश्मीर में न तो एक भी गोली चलाई गई है और न ही किसी की मृत्यु हुई है. बता दें कि भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में 2018 बैच के नवनियुक्त अधिकारियों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने यह बात कही.
अमित शाह ने कहा, "अनुच्छेद-370 के निरस्त होने के बाद एक भी गोली नहीं चली है न ही किसी व्यक्ति की मौत हुई है. कश्मीर के 196 में से केवल 10 पुलिस स्टेशनों में ही धारा-144 लागू है." शाह ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर हमेशा के लिए केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा और स्थिति सामान्य होने पर राज्य वापस उसकी स्थिति में कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा, "सभी क्षेत्रीय पहचान भारतीय संविधान द्वारा स्वाभाविक रूप से संरक्षित हैं. अनुच्छेद-370 सीमा पार आतंकवाद का मूल कारण था."
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इसके साथ ही नागरिक राष्ट्रीय रजिस्टर (NRC) की आवश्यकता पर उन्होंने कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बल्कि सुशासन के लिए भी आवश्यक है. उन्होंने कहा कि NRC को एक राजनीतिक कवायद के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. देश के सभी नागरिकों तक विकास का लाभ पहुंचाने के लिए इसका होना जरूरी है.
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