विज्ञापन
This Article is From Jun 08, 2025

मेरी आंखें और कान तमिलनाडु पर... अमित शाह ने दिल्ली की तरह 2026 में जीत का किया दावा 

2026 के तमिलनाडु चुनावों को एक महत्वपूर्ण युद्धक्षेत्र के रूप में पेश करते हुए, अमित शाह ने कहा, "यह प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है. अपने हाथ उठाएं और जीत का संकल्प लें."

मेरी आंखें और कान तमिलनाडु पर... अमित शाह ने दिल्ली की तरह 2026 में जीत का किया दावा 
चेन्नई:

तमिलनाडु के दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मदुरै में एक जोशीला भाषण दिया. इसमें उन्होंने कहा कि 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन सरकार बनाएगा. राजनीतिक संदेश से भरपूर भाषण में, अमित शाह ने न केवल तमिलनाडु में बल्कि पश्चिम बंगाल में भी भाजपा के आने की भविष्यवाणी की. शाह ने कहा, "तमिलनाडु के लोग भ्रष्ट डीएमके शासन को उखाड़ फेंकने का इंतजार कर रहे हैं. 2026 में तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में भाजपा का शासन निश्चित है. मेरी आंखें और कान तमिलनाडु पर हैं."

कावेरी इंजन का किया जिक्र

गृह मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सैन्य दृढ़ता को दर्शाने वाला एक महत्वपूर्ण मोड़ बताया. शाह ने रक्षा में आत्मनिर्भरता के लिए मोदी सरकार के प्रयासों पर जोर देते हुए कहा, "जब पाकिस्तान ने मिसाइल और ड्रोन लॉन्च किए, तो हमारी प्रतिक्रिया ने दुनिया को भारत की ताकत दिखाई. हमारी सेना ने पाकिस्तान में 100 किलोमीटर तक उड़ान भरी और सर्जिकल स्ट्राइक की." अमित शाह ने दावा किया कि इस मिशन ने तमिलनाडु से "समर्थन की लहर" पैदा की और कहा कि इसने कावेरी इंजन जैसी स्वदेशी रक्षा परियोजनाओं के बारे में युवाओं के बीच चर्चा को भी बढ़ावा दिया है.

39,000 करोड़ रुपये के घोटाले

सत्तारूढ़ डीएमके पर व्यापक भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलता का आरोप लगाते हुए, अमित शाह ने कहा, "इस सरकार ने अपने चुनावी वादों में से 10% भी पूरे नहीं किए हैं. अवैध शराब से होने वाली मौतों से लेकर टीएएसएमएसी में 39,000 करोड़ रुपये के घोटाले तक, डीएमके 100% विफल सरकार है." उन्होंने स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार पर केंद्रीय निधियों का दुरुपयोग करने और प्रमुख विकास योजनाओं को लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया, "मोदी के फंड तमिलनाडु के लोगों तक नहीं पहुंच रहे हैं; उन्हें डीएमके द्वारा डायवर्ट किया जा रहा है." उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ डीएमके ने अपने चुनावी वादों में से केवल 10% ही पूरे किए हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को पूरे किए गए चुनावी वादों की सूची साझा करने की चुनौती दी और तमिल में इंजीनियरिंग शिक्षा सहित उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य की अनिच्छा पर सवाल उठाया.

बीजेपी कार्यकर्ताओं में भरा जोश

2026 के तमिलनाडु चुनावों को एक महत्वपूर्ण युद्धक्षेत्र के रूप में पेश करते हुए, अमित शाह ने कहा, "यह प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है. अपने हाथ उठाएं और जीत का संकल्प लें." उन्होंने भाजपा की ओडिशा में जीत, हरियाणा को बरकरार रखना और 26 साल बाद दिल्ली में सत्ता में वापसी को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के तहत पार्टी के मूमेंटम के रूप में इंगित किया. हालांकि, अमित शाह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को न अपनाने के कारण तमिलनाडु में सरकारी स्कूलों के लिए 2,152 करोड़ रुपये की राशि रोके रखने और आसन्न परिसीमन अभ्यास जैसे विवादास्पद मुद्दों पर चुप रहे.

परिसीमन पर नहीं बोले अमित शाह

अमित शाह ने तमिलनाडु और दक्षिणी राज्यों द्वारा परिसीमन पर चिंताओं के बारे में बात नहीं की क्योंकि जनसंख्या आधारित परिसीमन से संसद में इन राज्यों के प्रतिनिधित्व का वर्तमान अनुपात कम हो जाएगा. पहले के आश्वासनों के बावजूद, संसद में तमिलनाडु के 7.2% प्रतिनिधित्व को संरक्षित किया जाएगा या नहीं, इस पर स्पष्टता की कमी ने चिंता पैदा कर दी है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जनसंख्या आधारित परिसीमन के खिलाफ चेतावनी दी है जो तमिलनाडु जैसे दक्षिणी राज्यों को दंडित कर सकता है, जो जनसंख्या नियंत्रण में सफल रहे हैं और उत्तरी राज्यों को पुरस्कृत कर सकता है, जो इसमें विफल रहे हैं.

डीएमके ने अमित शाह के दावों पर पलटवार किया. पार्टी के प्रवक्ता डॉ. सैयद हफीजुल्लाह ने कहा, "यहां तक ​​कि अमेरिका में भी भाजपा के सत्ता में आने की संभावना है, लेकिन तमिलनाडु में नहीं. 39000 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले पर कहा कि भाजपा काल्पनिक दुनिया में जी रही होगी."

बीजेपी की चिंता

भाजपा के राज्य नेतृत्व में बदलाव के बाद अमित शाह का तमिलनाडु का यह दूसरा दौरा था. के अन्नामलाई की जगह नैनार नागेंद्रन को लाया गया है. यह दौरा ऐसे समय में हुआ है, जब भाजपा ने एआईएडीएमके के साथ अपने गठबंधन को फिर से शुरू किया है, हालांकि कार्यकर्ताओं के बीच जमीनी स्तर पर समन्वय एक चुनौती बना हुआ है. बीजेपी को अपने सहयोगी पीएमके के साथ भी अशांति का सामना करना पड़ रहा है, जो वरिष्ठ और कनिष्ठ रामदास के बीच चल रही खींचतान का सामना कर रही है. एनडीए के एक अन्य सहयोगी डीएमडीके ने एआईएडीएमके द्वारा राज्यसभा सीट न दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की है. पहले चर्चा थी कि अमित शाह सार्वजनिक बैठक में एनडीए सहयोगियों को पेश करेंगे, लेकिन यह भाजपा की रैली में बदल गई.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com