भारत के डेयरी सहकारी क्षेत्र को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को ‘श्वेत क्रांति 2.0' की शुरुआत की. इसे महिला किसानों को सशक्त बनाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के उद्देश्य से एक व्यापक पहल माना जा रहा है.
कार्यक्रम में चार प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इसमें महिला किसानों को सशक्त बनाना, स्थानीय दूध उत्पादन को बढ़ाना, डेयरी बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और डेयरी निर्यात को बढ़ावा देना शामिल है. यह कार्यक्रम नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में शुरू की गई तीन पहल में से एक है.
मंत्री ने डेयरी किसानों के लिए देशभर में रुपे किसान क्रेडिट कार्ड की शुरुआत और डेयरी सहकारी समितियों में सूक्ष्म-एटीएम की स्थापना की भी शुरुआत की. इसके अतिरिक्त, उन्होंने 67,930 प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) के कम्प्यूटरीकरण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी कीं.
इस योजना में 1,00,000 नई और मौजूदा जिला सहकारी समितियों, बहुउद्देश्यीय जिला सहकारी समितियों और बहुउद्देश्यीय पीएसीएस की स्थापना और सुदृढ़ीकरण शामिल है, जिन्हें आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ दूध मार्गों से जोड़ा जाएगा.
शुरुआत में, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) अपने स्वयं के संसाधनों से इस पहल को वित्तपोषित करेगा, जो 1,000 एम-पैक्स को 40,000 रुपये प्रति एम-पैक्स प्रदान करेगा.
शाह ने कार्यक्रम के लिए पूर्ण बजटीय समर्थन का आश्वासन देते हुए कहा, ‘‘कई लोगों को इस बात की आशंका है कि श्वेत क्रांति 2.0 को पर्याप्त बजटीय समर्थन मिलेगा या नहीं. मैं इसके लिए पूर्ण बजटीय समर्थन का भरोसा दिलाता हूं, क्योंकि यह सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता वाला क्षेत्र है.''
इस कार्यक्रम के तहत डेयरी किसानों को रुपे-किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ब्याज मुक्त नकद ऋण प्रदान किया जाएगा और डेयरी सहकारी समितियों को सूक्ष्म-एटीएम दिए जाएंगे, जिससे किसानों के दरवाजे तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचेंगी.
सहकारी क्षेत्र में सुधारों की जरूरत बताते हुए शाह ने कहा, ‘‘पिछले 70 वर्षों में देश में विभिन्न क्षेत्रों में सुधार हुए, लेकिन सहकारी क्षेत्र में समय पर सुधार नहीं किए गए. एक अलग सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के पीछे उद्देश्य सहकारी क्षेत्र को पुनर्जीवित और आधुनिक बनाना तथा रोजगार के अवसर पैदा करना था.''
इन पहल के साथ सरकार का लक्ष्य सहकारी क्षेत्र को मजबूत और विस्तारित करना है, जिससे देशभर में लगभग 13 करोड़ किसानों को लाभ मिल सकता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं