संशोधित यूएपीए लोकतंत्र के लिए संकट है : थरूर

थरूर ने ट्वीट किया, ‘‘28 महीनों के बाद सिद्दीक कप्पन की जेल से रिहाई हमें इस बात का स्मरण कराती है कि सरकार यूएपीए के तहत लोगों को किसी आरोप के बिना अनिश्चित समय के लिए हिरासत में रख सकती है.’’

संशोधित यूएपीए लोकतंत्र के लिए संकट है : थरूर

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन की रिहाई के एक दिन बाद शुक्रवार को कहा कि संशोधित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) लोकतंत्र के लिए संकट है. 

थरूर ने ट्वीट किया, ‘‘28 महीनों के बाद सिद्दीक कप्पन की जेल से रिहाई हमें इस बात का स्मरण कराती है कि सरकार यूएपीए के तहत लोगों को किसी आरोप के बिना अनिश्चित समय के लिए हिरासत में रख सकती है.''

उन्होंने दावा किया, ‘‘यह संशोधित यूएपीए लोकतंत्र के लिए संकट है. मैंने इससे जुड़े विधेयक को लोकसभा में पेश किए जाने के समय इसका विरोध किया था.''

केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को गुरुवार को जमानत पर जेल से रिहा कर दिया गया. कप्पन को करीब दो साल पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक महिला की मृत्यु के बाद कथित तौर पर हिंसा भड़काने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

कप्पन की यह रिहाई प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर धनशोधन मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत दिए जाने के लगभग छह सप्ताह बाद हुई. सितंबर में, उच्चतम न्यायालय ने उन्हें गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक अन्य मामले में जमानत दे दी थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)