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2 years ago
नई दिल्ली/श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने के कारण अचानक आयी बाढ़ के चलते फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को यहां निचले आधार शिविर पंजतरणी स्थानांतरित कर दिया गया है. आईटीबीपी के प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी. प्रवक्ता ने बताया कि आईटीबीपी ने पवित्र गुफा के निचले हिस्से से पंजतरणी तक जाने वाले मार्ग में लगे दलों की संख्या भी बढ़ा दी है.

दक्षिण कश्मीर में अमरनाथ के गुफा मंदिर के पास अचानक आई बाढ़ में शुक्रवार शाम को कम से कम 13 लोगों की जान चली गई और तंबू व सामुदायिक रसोई में पानी भर गया. अब तक इस हादसे में 16 लोगों की जान जा चुकी है.

पवित्र गुफा से आने वाले तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए नीलग्राथ हेलीपैड पर बीएसएफ की एक छोटी टीम भी तैनात है. उन्होंने बताया कि शुक्रवार रात पंजतरणी में बनाए गए बीएसएफ शिविर में करीब 150 यात्री रुके थे और शनिवार सुबह 15 मरीजों को हवाई मार्ग के जरिये बालटाल पहुंचाया गया.

Here are the LIVE updates on the Amarnath Cloudburst:

अमरनाथ हादसा: राज्य सरकार ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
छत्तीसगढ़ सरकार ने अमरनाथ हादसे में फंसे राज्य के तीर्थ यात्रियों की सहायता के लिए दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.  फंसे तीर्थ यात्री और उनके परिजन नयी दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन के रेजिडेंट कमिश्नर गणेश मिश्रा के मोबाइल नंबर +919997060999 पर तथा छत्तीसगढ़ सदन के हेल्पलाइन नंबर 01146156000 पर संपर्क कर सूचना दे सकते हैं. (भाषा) 
अमरनाथः भारतीय वायुसेना भी राहत और बचाव कार्य में जुटी
अमरनाथ में भारतीय वायुसेना भी बचाव और राहत कार्य में योगदान दे रही है. भारतीय वायु सेना के 4 एमआई-17वी5 और 4 चीतल हेलीकॉप्टरों को आज अमरनाथ में बचाव और राहत प्रयासों के लिए तैनात किया गया. चीतल हेलीकॉप्टरों ने 45 उड़ानें भरीं. इस दौरान एनडीआरएफ और सेना के जवानों को लेकर जाने के साथ ही 3.5 टन राहत सामग्री भी ले जाई गई. साथ ही 45 लोगों को निकाला गया. 
 
अमरनाथ यात्रा के दौरान पुणे के दो लोगों की मौत
महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले एक पुरुष और एक महिला की अमरनाथ तीर्थयात्रा के दौरान मौत हो गई। जिले के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि बादल फटने की घटना में अभी तक शहर के किसी व्यक्ति के लापता होने की सूचना नहीं है. अधिकारियों ने कहा कि मृतकों में से एक प्रदीप खरादे की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई, जबकि सुनीता भोसले की मौत का कारण पता नहीं चल पाया है. (भाषा) 
अमरनाथ यात्रियों को बचाने के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल कर रही सेना
भारतीय सेना ने भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ में फंसे अमरनाथ यात्रा के श्रद्धालुओं को बचाने के लिए आधुनिक उपकरणों और जवानों को तैनात किया है. सेना के एक अधिकारी ने शनिवार को यहां बताया कि बचाव दल को बादल फटने से लोगों के हताहत होने की खबर मिलने के तुरंत बाद घटनास्थल पर भेजा गया।(भाषा) 

अमरनाथ में राजस्थान के तीन तीर्थयात्रियों की मौत
जम्मू कश्मीर में अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास अचानक आई बाढ़ में राजस्थान के कम से कम तीन तीर्थयात्रियों की मौत हो गई. एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी. आपदा प्रबंधन और राहत विभाग के अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान श्रीगंगानगर जिले के मोहनलाल, सुनीता वाधवा और सुशील खत्री के रूप में हुई है. (PTI)
अमरनाथ त्रासदी से जुड़े तथ्य को देश के सामने रखना चाहिए : यशवंत सिन्हा
राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने अमरनाथ गुफा मंदिर के पास बादल फटने से लोगों की मौत पर दुख जताया और सरकार से इस घटना के बारे में तथ्य देश के सामने रखने का आग्रह किया. सिन्हा ने कश्मीर के विपक्षी दलों के साथ बैठक में यह बात कही. (भाषा) 
अमरनाथ यात्रा : जम्मू से करीब 6,000 श्रद्धालुओं का जत्था अमरनाथ आधार शिविरों के लिए रवाना हुआ
वार्षिक अमरनाथ यात्रा के तहत जम्मू शहर से शनिवार को कश्मीर स्थित दो आधार शिविरों के लिए करीब 6,000 श्रद्धालुओं का 11वां जत्था रवाना हुआ. पवित्र गुफा के पास बादल फटने की घटना में कम से कम से 16 लोगों की मौत होने के बाद यात्रा स्थगित कर दी गई थी. (भाषा) 

सरकार को यह बताने की जरूरत है कि क्या हुआ - फारूक अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने अमरनाथ बादल फटने की घटना पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, "घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. मामले की जांच आवश्यक है, सरकार को यह बताने की जरूरत है कि क्या हुआ. हम यह भी उम्मीद करते हैं कि मृतक व्यक्तियों के परिवारों को अच्छा मुआवजा दिया जाएगा. हमें उम्मीद है कि सरकार बताएगी कि क्या हुआ और कैसे हुआ. बेस जिस पर इतनी जोखिम भरी जगह पर टेंट लगाए गए थे, उसकी जांच होनी चाहिए. वहां पहली बार टेंट लगाया गया है. यह एक मानवीय भूल हो सकती है."
राहत और बचाव अभियान जारी, 28 घायल रेस्क्यू
लेफ्टिनेंट कर्नल सचिन शर्मा ने कहा कि राहत और बचाव अभियान जारी है. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय सेना और राज्य बलों सहित सभी टीमें समन्वय में काम कर रही हैं. बचाव अभियान पूरा करने के लिए समय का अनुमान लगाना मुश्किल है. अब तक 28 घायल रेस्क्यू किए जा चुके हैं, जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायलों को श्रीनगर स्थानांतरित कर दिया गया है. बचाव के लिए वायुसेना और सेना के हेलीकॉप्टरों सहित कुल 8 हेलिकॉप्टर इस्तेमाल में हैं.
एलजी मनोज सिन्हा ने जाना घायलों का हाल
जम्मू-कश्मीर एलजी मनोज सिन्हा ने अमरनाथ गुफा के निचले इलाकों में कल बादल फटने की घटना में घायल हुए तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ करने के लिए एसकेआईएमएस श्रीनगर का दौरा किया.
अधिकारियों को अलर्ट पर रहने का आदेश
बादल फटने की संभावित घटनाओं को देखते हुए रामबन जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदारों को हाई अलर्ट पर रहने के आदेश दिए गए हैं.
भारतीय वायु सेना ने रेस्क्यू ऑपरेशन में झोंकी ताकत
भारतीय वायु सेना ने अमरनाथ में बचाव और राहत कार्यों के लिए अपनी परिवहन और हेलीकॉप्टर संपत्तियों को सेवा में लगा दिया है. Mi-17V5 हेलीकॉप्टरों ने पंचतरणी में एनडीआरएफ और नागरिक प्रशासन कर्मियों मदद से 21 लोगों को बचाया. हेलीकॉप्टर छह शवों को भी वापस लेकर आया. IAF Mi-17V5 और चीतल हेलीकॉप्टरों द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों में सभी प्रमुख हवाई अड्डों पर विमान स्टैंडबाय पर हैं.
Watch: सुरक्षित निकाले गए लोगों ने की भारतीय सेना की तारीफ
बालटाल : संगम अड्डे के पंजतरणी में अमरनाथ गुफा से सुरक्षित निकाले गए लोगों ने भारतीय सेना के प्रयासों की सराहना की. सुनें क्या कहा --
IAF अधिकारी के मुताबिक अमरनाथ गुफा स्थल से घायल तीर्थयात्रियों को भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर में आगे के इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा है. खराब मौसम के कारण लद्दाख सेक्टर से श्री घाटी में हेलिकॉप्टरों को लाना मुश्किल है.
29 लोगों को किया गया रेस्क्यू
IAF अधिकारी ने बताया कि हादसे का शिकार हुए 29 लोगों को बचाया गया, जिनमें से 9 गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. अन्य लोगों को भी बचाया जा सके इसलिए भारतीय सेना परिष्कृत बचाव उपकरणों और प्रशिक्षित पेशेवरों को साइट पर नियुक्त कर रही है. 
बचाव कार्य में कोई दिक्कत नहीं
एनडीआरएफ डीजी अतुल करवाल ने कहा कि 16 मौतों की पुष्टि हुई है. लगभग 40 अभी भी लापता हैं. भूस्खलन नहीं, लेकिन बारिश जारी है. हालांकि बचाव कार्य में कोई दिक्कत नहीं है. बचाव कार्य में 100 से अधिक बचावकर्मियों के साथ एनडीआरएफ की 4 टीमें लगी हुईं हैं. इसके अलावा, भारतीय सेना, एसडीआरएफ, सीआरपीएफ और अन्य भी बचाव कार्य चला रहे हैं. 
प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान जारी
नोडल चिकित्सा अधिकारी मेजर पंकज कुमार ने बताया कि लगभग 10 मरीज थे, 2 को सिर में चोट आई, 5 को फ्रैक्चर हुआ और 2-3 हाइपोथर्मिया के मामले हैं. उत्तरी मार्ग पर बादल फटने से प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान जारी है.
अमरनाथ यात्रियों पर कई बार बरपा है 'कुदरत का कहर'
अमरनाथ यात्रियों पर कई बार बरपा है 'कुदरत का कहर', 1969 में बादल फटने के कारण 100 लोगों की मौत हुई थी. पढ़ें- कब-कब हुआ है हादसा
शवों को पुलिस मुख्यालय ले जाया जा रहा
श्रीनगर में बीएसएफ कश्मीर मुख्यालय से शवों को पुलिस मुख्यालय ले जाया जा रहा है. अब तक 16 शव निकाले जा चुके हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. 

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